झारखंड के साहेबगंज से भेजा स्पीड पोस्ट प्रशासन को मिला
वांटेड राजीव रंजन िसंह ने भी दी थी जानकारी जांच में मिली थी फर्जी
भागलपुर : सृजन घोटाले के राजदार नजारत शाखा के लिपिक अमरेंद्र कुमार उर्फ अमरेंद्र यादव ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में इलाज कराने की सूचना दी है. उसका स्पीड पोस्ट से भेजा गया एक पत्र गुरुवार को जिला प्रशासन को मिला. रोचक बात यह है कि अमरेंद्र कुमार का यह पत्र झारखंड के साहेबगंज से स्पीड पोस्ट हुआ है. प्रशासनिक स्तर पर पत्र में किये गये हस्ताक्षर का भी मिलान किया गया तो वह अमरेंद्र का ही पाया गया. जांच एजेंसी को भी मामले में सूचना दे दी गयी है. एजेंसी भी अमरेंद्र कुमार के ठिकाना की तलाश कर रही है ताकि उससे सृजन घोटाले को लेकर पूछताछ की जा सके. इससे पहले सृजन घोटाले के एक अन्य वांटेड लोक शिकायत
दीवार फांद भागे…
पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह ने भी रजिस्टर्ड डाक से अपना इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में करवाने का आवेदन भेजा था. लेकिन, मेदांता अस्पताल के वार्ड व बेड की जानकारी नहीं दी. प्रशासनिक स्तर पर मेदांता में राजीव रंजन सिंह के बारे में पता भी कराया गया, लेकिन वहां पर ऐसे किसी मरीज के दाखिल नहीं होने की सूचना दी गयी.
बता दें कि सृजन घोटाले को लेकर प्रशासन के एक के बाद एक प्राथमिकी दर्ज कराने के दौरान नजारत शाखा का लिपिक अमरेंद्र कुमार सर्किट हाउस में एसआइटी को चकमा देकर फरार हो गया था. अमरेंद्र कुमार के फरार होने के बाद पुलिस ने भी उसके धरपकड़ को लेकर कोई खास प्रयास नहीं किया. इस कारण फरार अमरेंद्र कुमार का अभी तक अता-पता एसआइटी भी नहीं लगा सकी है. अब सीबीआइ के हवाले केस के जाने पर पुलिस स्तर पर भी अमरेंद्र को खोजने का मामला ठंडा पड़ गया. जबकि, अमरेंद्र कुमार व गिरफ्तार डीएम के स्टेनो रहे प्रेम कुमार की जोड़ी ने सरकारी राशि को सृजन समिति के खाते में ट्रांसफर करवाने में अहम भूमिका निभायी थी. इस मामले में प्रेम कुमार को प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया, लेकिन फरार नजारत शाखा के लिपिक अमरेंद्र कुमार को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. स्थापना शाखा ने नजारत शाखा से अमरेंद्र कुमार को लेकर प्रस्ताव भी मांगा है.