आकांक्षा ने बताया कि 26 जुलाई को तृतीया के दिन आखिरी व्रत होगा. साथ ही बताया कि यह पूजन नवविवाहिता अमर सुहाग के लिए करती हैं. एक नैवेद्य भाई के लिए भी लगाया गया, जो जो पूजा करने के बाद भाई ने मेरा बांह पकड़ कर उठाया.
तब वह नैवेद्य भाई को दिया. प्रत्येक दिन अलग-अलग कथाओं में मैना पंचमी, विषहरी, बिहुला, मनसा, मंगला गौरी, पृथ्वी जन्म, समुद्र मंथन, सती की कथा व्रती को सुनायी जायेगी. प्रात:काल की पूजा में गोसाईं गीत एवं पावनी गीत गायी गयी, तो संध्या काल की पूजा में कोहबर व संझौती गीत गाये.