टैक्स दरोगा, टैक्स सरकार वसूलेंगे मेला टैक्स
अस्थायी रेस्ट हाउस, धर्मशाला, भोजनालय को देना होगा 1000 रुपये टैक्स
सुलतानगंज : श्रावणी मेला को लेकर नगर परिषद क्षेत्र में मेला टैक्स का निर्धारण किया गया है. पिछले वर्ष के टैक्स को ही इस वर्ष भी रखा गया है. नप के कार्यपालक पदाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि कृष्णगढ़ दुर्गा स्थान व चित्रा सिनेमा हॉल से ओवरब्रिज के उत्तरी भाग तक, स्टेशन रोड में कृपानाथ सिंह गली के पास से होते हुए बाइपास चौक तक और नयी सीढ़ी घाट में काली स्थान से विष्णु पैलेस तक लगी दुकानों को ‘ए’ श्रेणी के टैक्स के दायरे में रखा गया है.
इन जगहों की दुकानों पर जो 10 रुपये प्रति वर्गफीट की दर से टैक्स लगेगा. मुख्य मार्ग व अन्य स्थानों की दुकानों को ‘बी’ श्रेणी मे रखा गया है. इन्हें छह रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से टैक्स देना होगा. पुराना स्टेशन से कृपानाथ सिंह गली, ओवरब्रिज पुल तक और शहर की अन्य गलियों में लगी दुकानों को ‘सी’ श्रेणी में रखा गया है. इनकी दर चार रुपये प्रति वर्गफीट होगी.
रेलवे ऊपरी पुल से मदरिया पावर हाउस तक बड़ी कांवर दुकानों से पांच-पांच सौ रुपये और छोटी कांवर दुकानों से तीन सौ रुपये, नाश्ता व चाय दुकानों से तीन-तीन सौ रुपये, भोजनालय से पांच सौ रुपये टैक्स लिया जायेगा. प्लास्टिक डिब्बा बेचने वाली बड़ी दुकानों से दो-दो हजार, प्लास्टिक डिब्बा के थोक विक्रेता से एक हजार रुपये लिये जायेंगे. शांति देवी मवि से आदर्श मवि तक प्रति चौकी तथा छह गुने चार फीट की दुकानों से दो हजार रुपये वसूले जायेंगे. इसके अलावा तोरण द्वार के लिए 25 सौ रुपये प्रति गेट, अस्थायी रेस्ट हाउस, धर्मशाला, प्राइवेट मकान, भोजनालय से एक-एक हजार, नाश्ता-जूस आदि दुकानों को तीन-तीन सौ रुपये, विज्ञापन प्रचार (3 गुने 2 फीट) के लिए 20 रुपये, विज्ञापन प्रचार (3 गुने 2 फीट) के लिए प्रति वर्ग फीट 20 रुपये, कार्यालय नगर परिषद के नीचे दुकान से एक हजार रुपये, बीआरसी सुलतानगंज के निकट से नप कार्यालय मोड़ तक सड़क किनारे नाला पर प्रति चौकी 15 सौ, शेष जगह पर नाले पर लगी दुकानों से 12 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से टैक्स वसूला जायेगा.
कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
कार्यपालक पदाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि टैक्स दरोगा व टैक्स सरकार को श्रावणी मेला कर की वसूली शुरू करने का निर्देश दिया गया है. निर्धारित दर पर मेला टैक्स भुगतान नहीं करने वाले दुकानदारों पर मेला टैक्स की राशि संपति कर में अधिभार के रूप में जोड़ दिया जायेगा.