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मदरौनी में “4.50 करोड़ की बोल्डर पिचिंग, 17 मीटर ध्वस्त

कटाव निरोधी काम. जलस्तर वृद्धि के साथ खुलने लगी पोल अभी मानसून की बारिश शुरू भी नहीं हुई है कि जल संसाधन विभाग द्वारा करोड़ों की राशि से कराये गये कटाव निरोधी कार्य बालू की भीत की तरह ढहने लगे हैं. नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल के रंगरा प्रखंड के मंदरौनी गांव के शिव मंदिर के […]

कटाव निरोधी काम. जलस्तर वृद्धि के साथ खुलने लगी पोल

अभी मानसून की बारिश शुरू भी नहीं हुई है कि जल संसाधन विभाग द्वारा करोड़ों की राशि से कराये गये कटाव निरोधी कार्य बालू की भीत की तरह ढहने लगे हैं.
नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल के रंगरा प्रखंड के मंदरौनी गांव के शिव मंदिर के पीछे साढ़े चार करोड़ की राशि से कराया गया बोल्डर पिचिंग कार्य बुधवार को तीन मीटर की चौड़ाई में 17 मीटर तक धंस कर जल में विलीन हो गया.
पानी का शुरुआती दबाव भी नहीं झेल पाया : ग्रामीणों ने बताया कि कोसी नदी के जलस्तर में शुरुआती वृद्धि का दबाव भी कटाव निरोध कार्य झेल नहीं पाया.
शुरू हुआ बचाव कार्य : बोल्डर पिचिंग में धंसान की सूचना मिलने पर जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू कराया. धंसान वाले स्थल पर नायलोन क्रेटिंग सैंड बैग डाल कर ध्वस्त भाग को पुनर्स्थापित करने का काम किया जा रहा है. देर रात तक स्थल पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता वीरेंद्र कुमार कैंप कर रहे थे.
ग्रामीणों ने कहा, सतह के काम में ही हुई गड़बड़ी : ग्रामीणों का कहना है कि कार्य में सतही स्तर पर गड़बड़ी की गयी. सतह पर कार्य उस समय ही प्रारंभ करना था तब नदी का जल स्तर न्यूनतम था, लेकिन कार्य तब प्रारंभ किया गया जब नदी का जलस्तर कुछ बढ़ गया. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि बोल्डर को लोहे के तार से अच्छी तरह से नहीं बांधा गया था. इसी कारण बांध धसान की चपेट में आने लगा है. ग्रामीणों ने आशंका व्यक्त की है कि इस बार प्रभावी मानसून को देख कर लग रहा है कि एक बार फिर से कटाव निरोधी कार्य विफल हो जायेगा.
मदरौनी में अब तक सफल नहीं हो पायी है कोई तकनीक : पिछले वर्षों में भी मदरौनी में कटाव रोकने के लिए परक्युपाइन तकनीक, जीओ बैग तकनीक आदि से स्थायी कटाव निरोधी कार्य किया गया, लेकिन यहां कोसी नदी की धारा तीव्र होने के कारण सफल नहीं सकी. वित्तीय वर्ष 2016-17 में मदरौनी में शिव मंदिर के पीछे साढ़े पांच सौ मीटर में बोल्डर पिचिंग कार्य कराया गया था. अभियंताओं के अनुसार इस बार समय से काम पूरा कर लिया गया.
स्थिति नियंत्रित : कार्यपालक अभियंता
स्थल पर कैंप कर रहे कार्यपालक अभियंता वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बोल्डर पिचिंग नौ मीटर तक लांच कर गया है. यह तकनीकी प्रक्रिया है. इसे घंसान नहीं कहा जा सकता है. पिचिंग पूरी तरह से मजबूत और कोसी की तिव्र धारा का मुकाबला करने को तैयार है. लांचिंग वाले स्थल को रिस्टोर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है.

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