Bihar Bridge Project: भागलपुर में गंगा पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले पुल का निर्माण (Bhagalpur Ganga Bridge Project) अब पूर्व में चयनित कार्य एजेंसी एसपी सिंघला ही करेगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नयी दिल्ली व कार्य एजेंसी के बीच समन्वय स्थापित हो गया है. कार्य एजेंसी ने भी काम करने की सहमति जता दी है. इसके साथ ही मिनिस्ट्री की ओर से नये सिरे से अपनायी जा रही टेंडर की प्रक्रिया रद्द कर दी गयी है. मई से समानांतर पुल बनने लगेगा.
पहले सिंघला ने काम करने से किया था इनकार
मंत्रालय की ओर से जोड़ी जा रही अतिरिक्त शर्तों के कारण पूर्व में चयनित एजेंसी एसपी सिंघला ने नाराजगी जतायी थी और काम करने से इनकार कर दिया था. कंपनी हाइकोर्ट चली गयी थी. इसके बाद से मामले को सुलझाने के लिए एक तरफ चयनित एजेंसी के साथ बैठक की जा रही थी, तो दूसरी ओर नये सिरे से टेंडर निकाल कर नयी एजेंसी बहाली की प्रक्रिया अपनायी जा रही थी. इधर दोनों के बीच सुलह होने से पुल निर्माण के लिए आगे की प्रक्रिया अपनायी जाने लगी है. जुलाई 2022 में एसपी सिंघला के नाम से टेंडर फाइनल हुआ था. टेंडर खुलने की छठी तिथि तीन मार्च निर्धारित थी. इसको खोलने की बजाय रद्द कर दिया गया है.
इन शर्तों की वजह से फंसा था पेच
डाॅल्फिन अभ्यारण्य क्षेत्र होने और डाॅल्फिल की सुरक्षा को ध्यान में रख कर मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट हाइवे (मोर्थ) ने सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक ही निर्माण कार्य करने, फाउंडेशन निर्माण का वेल बनाने के लिए गंगा में ड्रेन के बाद बालू को गंगा में नहीं गिराने और बालू को एकत्र कर किनारे लाकर रखने सहित कई शर्त एजेंसी के सामने रखी.
अधिकारियों के बीच बैठक से भी नहीं बनी थी बात
शर्तों के आधार में मजदूरी सहित अन्य कॉस्ट के चार्ज के रूप में एजेंसी 300-350 करोड़ अतिरिक्त राशि की मांग करने लगी. अतिरिक्त राशि की मांग को लेकर एसपी सिंगला और मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई लेकिन, इस पर सहमति नहीं बन पायी थी. सहमति नहीं बनने पर मंत्रालय ने एसपी सिंघला के नाम का टेंडर रद्द कर दिया था और फिर से नया टेंडर जारी कर प्रक्रिया अपनायी जा रही थी.
एसपी सिंघला को पहले ही मिल चुकी है वर्क ऑर्डर, सिर्फ अब करेगा काम
पूर्व में चयनित एसपी सिंघला को वर्क ऑर्डर पहले ही मिल चुकी है. विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल बनाने के लिए चयनित एजेंसी को गत 07 सितंबर, 2022 को मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट हाइवे (मोर्थ) ने एजेंसी को वर्क आर्डर जारी किया है. इससे पूर्व लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस पर साइन हुआ है. इस आधार पर ही वह सिर्फ अब काम करेगी. वर्क ऑर्डर मिलने के साथ ही एजेंसी ने गंगा की मिट्टी की जांच की कार्रवाई पूरी कर ली थी.
994.31 करोड़ आयेगा पुल निर्माण पर खर्च
पुल निर्माण इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन (इपीसी) मोड़ में बनेगा. चयनित ठेका एजेंसी को 1460 दिन में यानी, चार साल में पुल बनाना होगा. पुल बनाने का काम एजेंसी को टेंडर राशि से 3.75 प्रतिशत अधिक दर पर मिला है. इस पुल के निर्माण में टेंडर राशि 958.38 करोड़ से 35.93 करोड़ ज्यादा यानी, 994.31 करोड़ खर्च होगा. वहीं, साल 2020 के टेंडर राशि 838 करोड़ से 156.31 करोड़ अधिक बढ़कर 994.31 करोड़ है.
पहले लार्सन एंड टूब्रो के नाम से टेंडर फाइनल हुआ था
इससे पहले फरवरी 2021 में लार्सन एंड टूब्रो के नाम से टेंडर फाइनल हुआ था, लेकिन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) द्वारा यह बताकर निर्माण पर रोग लगा दी थी कि पुल के स्पेन का फासला 100 मीटर नहीं था. डिजाइन में बदलाव पर एलएंडटी ने 450 करोड़ अतिरिक्त मांग लिया था, जिसके कारण टेंडर रद्द कर दिया गया था और नये सिरे से निकाले गये टेंडर में एसपी सिंघला का चयन हुआ है.
पुल निर्माण से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
इपीसी मोड में बनेगा पुल
गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य का मिल चुका है क्लीयरेंस
टेंडर वेल्यू से 3.75 प्रतिशत अधिक पर ठेका एजेंसी को मिला है पुल बनाने का काम.
जहाज की आवाजाही को लेकर 100 मीटर स्पेन के फासले पर बनेगा पुल
994.31 करोड़ आयेगा पुल निर्माण पर खर्च
1460 दिनों में ठेका एजेंसी को बना कर तैयार करना होगा पुल
पुल बना कर तैयार करने वाली एजेंसी को ही 10 सालों तक करना होगा रखरखाव
Published By: Thakur Shaktilochan