छोटे को मगरमच्छ के कब्जे में देख नदी में कूदा पड़ा बड़ा भाई, बचायी जान

करीब दस मिनट तक दोनों भाई मगरमच्छ से जिंदगी और मौत की जंग लड़ते रहे और लहुलूहान हो गये. फिर भी हिम्मत नहीं हारी. अंतत: मगरमच्छ के कब्जे से अपने छोटे भाई को छुड़ाकर धीरज नदी से बाहर निकला.

By Prabhat Khabar | September 3, 2020 9:40 AM

योगापट्टी. नदी में मवेशी नहलाते समय 11 साल के छोटे भाई नीरज को मगरमच्छ के कब्जे में देख अदम्य साहस दिखाते हुए 14 साल का बड़ाई भाई धीरज पहले तो नदी में कूछ गया और फिर भाई को छुड़ाने के लिए मगरमच्छ से जा भिड़ा. करीब दस मिनट तक दोनों भाई मगरमच्छ से जिंदगी और मौत की जंग लड़ते रहे और लहुलूहान हो गये. फिर भी हिम्मत नहीं हारी. अंतत: मगरमच्छ के कब्जे से अपने छोटे भाई को छुड़ाकर धीरज नदी से बाहर निकला.

घटना योगापट्टी के चौमुखा गांव के समीप गंडक के सोता नदी का है. जहां राजबली यादव के पुत्र नीरज कुमार 11 वर्ष और धीरज कुमार 14 वर्ष पर मगरमच्छ ने हमला कर गंभीर रूप से जख्मी व लहूलुहान कर दिया. गंभीर रूप से जख्मी दोनों भाईयों को ग्रामीणों और परिजनों के सहयोग से योगापट्टी पीएचसी में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डाॅक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए बेतिया जीएमसीएच भेज दिया, जहां पर दोनों का इलाज जारी है.

जानकारी के अनुसार मवेशी नहलाने के क्रम में मंगलवार की देर शाम पहले छोटे भाई पर मगरमच्छ ने हमला कर लहूलुहान किया. तभी उसके बड़े भाई ने जान की बाजी लगाकर अपने छोटे भाई को बचाने के लिए नदी में कूदकर उसे नदी से बाहर लाया. लेकिन तबतक दोनों भाइयों के शरीर को मगरमच्छ ने चीरफाड़ कर घायल कर चुका था. ग्रामीण मुकेश यादव, मुकेंद्र यादव, रामाशीष यादव आदि लोगों ने आरोप लगाया कि बाढ़ आने के समय से इस नदी में आधा दर्जन मगरमच्छ बेहिचक विचरण कर रहे हैं.

इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन से लेकर वन विभाग को दी गयी. लेकिन मगरमच्छों को वन विभाग द्वारा यहां से नहीं ले जाया गया. जिसके कारण ऐसी घटना घटी है और दो बालकों की जिंदगी जीवन मौत के बीच आकर अटक गई है. सभी ग्रामीणों ने सरकार, जिला प्रशासन और वन विभाग से आग्रह किया कि वन विभाग मगरमच्छ को पकड़े और घायलों के इलाज के लिए सरकार तुरंत मदद करे.

posted by ashish jha

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