उत्पाद विभाग की फर्जी टीम लेकर छापा मारने पहुंचा सिपाही, ग्रामीणों ने पीटा, एसपी ने किया सस्पेंड

उत्पाद विभाग की इस फर्जी टीम का नेतृत्व पुलिस में तैनात एक असली सिपाही था, बाकी सभी सदस्य फर्जी थे. पहले तो गांववालों ने टीम को सही माना, लेकिन जब वसूली करने की बात चली तो लोगों को शक हुआ. राज खुलते ही लोगों ने पुलिस के जवान को पकड़कर पिटाई शुरू कर दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2023 2:08 PM

बगहा. बिहार में शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग लगातार छापेमारी कर रहा है. पुलिस विभाग के कुछ कर्मी छापेमारी के नाम पर वसूली शुरू कर दी है. ऐसा ही एक मामला बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में सामने आया है. पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में एक पुलिसकर्मी ने उत्पाद विभाग की फर्जी टीम बनायी और एक गांव में छापेमारी करने पहुंच गया. उत्पाद विभाग की इस फर्जी टीम का नेतृत्व पुलिस में तैनात एक असली सिपाही था, बाकी सभी सदस्य फर्जी थे. पहले तो गांववालों ने टीम को सही माना, लेकिन जब वसूली करने की बात चली तो लोगों को शक हुआ. राज खुलते ही लोगों ने पुलिस के जवान को पकड़कर पिटाई शुरू कर दी. घंटों तक सभी को बंधक बनाकर रखा. जिला मुख्यालय में जैसे ही फर्जी छापामारी की खबर गयी हड़कंप मच गया. स्थानीय थाना से पुलिस बल गांव पहुंचा. सभी बंधक को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया.

उत्पाद विभाग ने खोली पोल 

घटना के संबंध में बताया जाता है कि मंगलवार की रात एक सिपाही एक टीम के साथ छापामारी करने बगहा थाना क्षेत्र के मच्छरगांवा मटियरिया गांव पहुंची. पुलिस विभाग में सिपाही पद पर कार्यरत भानु प्रताप सिंह छापामारी के दौरान एक युवक के साथ मारपीट कर ली. इसके बाद टीम की पड़ताल शुरू हुई. उत्पाद विभाग से जानकारी मिली कि गांव में पहुंची टीम फर्जी है. उत्पाद विभाग की ओर से कोई टीम नहीं भेजी गई है. इसके बाद ग्रामीण भड़क गये. नगर थाना को इसकी सूचना दी गयी. इधर, गांव वालों ने सभी को रस्सी में बांधकर पीटना शुरू किया. मौके पर पहुंची नगर थाने की पुलिस ने सभी बंधकों को हिरासत में लेकर थाना ले गयी.

एसपी ने सिपाही को सस्पेंड किया

इस संबंध में एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने कहा कि भानु प्रताप सिंह के तौर पर हुई. वह वर्तमान समय में बजरा टीम में तैनात है. पूर्व में इसकी तैनाती बगहा थाने में थी. मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. मामले की जांच एसडीपीओ कैलाश प्रसाद को सौंप दी है. फर्जी टीम में जो भी शामिल थे उन पर भी कार्रवाई की जायेगी. वहीं, ग्रामीणों ने बताया जाता है कि छापामारी के नाम पर पुलिस के जवान स्थानीय युवकों के साथ मिलकर इसी तरह अवैध वसूली करते हैं.

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