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सोनू की तलाश में अब भी खाक छान रही है पुलिस बखरी : थाना क्षेत्र के स्टेशन रोड निवासी योगेंद्र पोद्दार के बेटे सोनू पोद्दार के अपहरण की कहानी नये मोड़ पर आकर ठहर गयी है. इस कहानी में पात्रों को संख्या हर रोज बढ़ती ही जा रही है. करीबी रिश्ते और रिश्तों में कड़वाहट […]

सोनू की तलाश में अब भी खाक छान रही है पुलिस

बखरी : थाना क्षेत्र के स्टेशन रोड निवासी योगेंद्र पोद्दार के बेटे सोनू पोद्दार के अपहरण की कहानी नये मोड़ पर आकर ठहर गयी है. इस कहानी में पात्रों को संख्या हर रोज बढ़ती ही जा रही है.
करीबी रिश्ते और रिश्तों में कड़वाहट की कहानी :अपहरण की वारदात को करीब सात महीने बीतने को है. शुरुआती पुलिसिया पड़ताल में जब इस अपहरण कांड की जड़ खोदी गयी तो सामने आया करीबी रिश्तों और रिश्तों के बीच कड़वाहट की कहानी. 6 जून 16 को लापता हुए सोनू की तलाश में पुलिस जड़ से लेकर तने तक की खाक छान रही है.
इस मामले में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बखरी थाना के कांड संख्या 111/16 में अंचलकर्मी मालती देवी की बहू मनीषा और उसके पति दीपक आनंद को नामजद किया गया. वजह थी मनीषा और सोनू के बीच करीबी रिश्तों की डोर. एफआइआर और अनुसंधान के आधार पर दोनों नामजद को सलाखों के पीछे तो भेज दिया गया लेकिन सवाल अब भी बरकरार था कि आखिर सोनू कहां है?
अपहरण व हत्या के बीच उलझा अनुसंधान :इस बीच अपहरण को लेकर तमाम आशंकाओं पर चर्चा जारी है. खबर है कि इस कांड में पुलिस जल्द से जल्द किसी नतीजे पर पहुंचने की हर संभव कोशिश कर रही थी. शनिवार को बेगूसराय पुलिस मुख्यालय को एक जानकारी मिली.
जानकारी के आधार पर अंचल कर्मी मालती देवी और उसके दामाद रंजीत राम को गिरफ्तार कर लिया गया. सूत्रों से मिली सूचना और गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अंचल कार्यालय स्थित आवासीय परिसर में लाश की तलाश शुरू हुई. बड़ी बात यह है कि जिस कमरे में लाश दफनाने की खबर सामने आयी. उस घर में मालती देवी और उसका परिवार रहता था.
डीएसपी आवास की खाकी कठघरे में :अब सवाल यह है कि क्या इस थ्योरी को सच माना जा सकता है कि इसी घर में सोनू की हत्या की गयी और फिर उसकी लाश को यहीं दफना दिया गया? अगर इसे सच मान भी लिया जाय तो क्या यह संभव है कि डीएसपी आवास से चंद कदम की दूरी पर इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया. अगर यह सही है तो निश्चित तौर पर यह डीएसपी आवास में मौजूद खाकी वरदी की दूरदृष्टि पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. इस कांड के अनुसंधान में जुटी पुलिस भी अब सकते में हैं.
कड़ी मशक्कत के बाद भी लाश की बरामदगी नहीं होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसा इसलिए क्योंकि लाश की तलाश में अंचल कार्यालय परिसर के एक आवास को तोड़ दिया गया. वैसे हड्डी और बाल के कुछ अंश मिलने से पुलिस को थोड़ी राहत जरूर मिली है.
फोरेंसिक के पाले में अपहरण कांड की गेंद
अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने का सारा दारोमदार फोरेंसिक रिपोर्ट पर है. अगर रिपोर्ट और डीएनए मिलान से तथ्य सामने आये तो कांड का अनुसंधान पूरा हो जायेगा. लेकिन सवाल यह भी है कि अगर फोरेंसिक जांच ने अगर इस थ्योरी को नकार दिया तो पुमें2इरे से 3लिस का अगला कदम क्या होगा?
इतना बड़ा गड्ढा खोदना इतना आसान तो नहीं :पुलिस सूत्रों के मुताबिक उन्हें सूचना मिली है कि 6/6 के गड्ढे में लाश को दफनाया गया. लेकिन सवाल यह है कि क्या उस छोटे से कमरे में इतना बड़ा गड्ढा आसानी से खोदा जा सकता है. सवाल इसलिए अहम है क्योंकि कथित लाश की खोज के दौरान चार मजदूरों को तीमें2इरे से 3न फुट गड्ढे खोदने में दो से तीन घंटे का वक्त लगा और आखिर में जेसीबी की मदद लेनी पड़ी.अगर यह मान लिया जाय कि अपहरण और हत्या की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी तो क्या यह संभव है कि इतनी बड़ी साजिश की भनक दिन भर भीड़ से भरे रहने वाले इस स्थान पर किसी को नहीं लगी.
अगर ऐसा है तो सचमुच पुलिस के लिए इस अनुसंधान की जड़ और तने को तलाशना बेहद मुश्किल टास्क है.

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