उपेक्षा. रेलयात्रियों में भारी आक्रोश, मुंगेर-भागलपुर होकर हावड़ा से जुड़ने का सपना अधूरा
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मुंगेर पुल होकर एक भी एक्सप्रेस ट्रेन नहीं
उपेक्षा. रेलयात्रियों में भारी आक्रोश, मुंगेर-भागलपुर होकर हावड़ा से जुड़ने का सपना अधूरा बेगूसराय(नगर) : बेगूसराय के लोगों की रेल के क्षेत्र में हमेशा से उपेक्षा होती रही है. रेल सुविधाओं से वंचित लोगों का आक्रोश दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. जो कभी भी बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है. यहां के लोगों में जनप्रतिनिधियों […]
बेगूसराय(नगर) : बेगूसराय के लोगों की रेल के क्षेत्र में हमेशा से उपेक्षा होती रही है. रेल सुविधाओं से वंचित लोगों का आक्रोश दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. जो कभी भी बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है. यहां के लोगों में जनप्रतिनिधियों के प्रति भी आक्रोश देखा जा रहा है. बेगूसराय में रेल के विकास के लिए आज तक इन जनप्रतिनिधियों के द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा सका है.
मुंगेर पुल होकर नहीं है एक भी एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन:12 मार्च 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट के द्वारा मुंगेर पुल पर मालगाड़ी दौड़ा कर इस पुल का उद्घाटन किया था. इसके एक माह बाद 11 अप्रैल को तिलरथ-जमालपुर के लिए दो फेरे डेमू ट्रेन का परिचालन प्रारंभ किया गया था. इसके सफल परिचालन के बाद लोग सपने देखने लगे कि अब तो सुल्तानगंज, भागलपुर, दुमका, रामपुर हाट होकर हावड़ा-कोलकाता से सीधे जुडेंगे.
चर्चा थी कि अगस्त, सितंबर महीने से इस मार्ग पर एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ होगा. परंतु अब तो अक्तूबर भी गुजर रहा है. अब तक कोई एक्सप्रेस ट्रेन इस तरफ से होकर नहीं चल रही है. इस बीच एक अक्तूबर से नयी रेल समय सारिणी 2016 भी जारी हो गया. परंतु एक भी ट्रेन के इस मार्ग से परिचालन होने की घोषणा नहीं की गयी. लोग ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
दीघा ब्रिज का उद्घाटन होते ही चलने लगी दर्जन भर ट्रेनें:दीघा ब्रिज का उद्घाटन होते ही दर्जन भर ट्रेनें चलने लगी थी. और तो और बरौनी बाइपास से गुजरने वाली आधा दर्जन ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन कर बरौनी जंकशन होकर दीघा ब्रिज से सीधे पाटलिपुत्र, दानापुर होकर ट्रेनें चल रही है. परंतु मुंगेर होकर एक भी ट्रेनों के मार्ग परिवर्तन की घोषणा अब तक नहीं की गयी है. सूत्रों के अनुसार इसके लिए मुंगेर के बाहर नवनिर्मित बाइ लेग बाइपास को जिम्मेदार मान रहे हैं. जानकारी के अनुसार इस बाइलेग को अत्यंत तीखा घुमावदार मोड़ के कारण अधिकारी फीट नहीं घोषित कर रहे हैं. ज्ञात हो कि इसी बाइलेग से ही भागलपुर और उससे आगे की ट्रेनें बिना जमालपुर गये परिचालित करने की योजना है.
भविष्य में हावड़ा के लिए नयी ट्रेन चलने की है संभावना :इसी बीच भागलपुर- दुमका नयी ट्रैक पर सवारी ट्रेनें भी गुजरने लगी है. इसी मार्ग पर भविष्य में हावड़ा के लिए नयी ट्रेन चलाने की संभावना है. ज्ञात हो कि रेलवे ने भागलपुर-दुमका- रामपुर हाट-बर्धमान होकर हावड़ा के लिए नया वैकल्पिक मार्ग तैयार किया है. जिससे समय की काफी बचत होगी.
बरौनी से इस रूट से बेगूसराय होकर ऐतिहासिक व धार्मिक शहर मुंगेर, स्मार्ट सिटी भागलपुर, झारखंड की उपराजधानी दुमका, बंगाल के शहर रामपुरहाट, कवि गुरु नगरी रवींद्रनाथ टैगोर नगरी(बोलपुर शांति निकेतन) के साथ ही वर्धमान होकर हावड़ा-कोलकाता जाने का सपना कब पूरा होगा. इसका इंतजार है.
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