आइजी कमजोर वर्ग ने जारी किया फरमान
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दुष्कर्म मामले की मेडिकल रिपोर्ट में हुई गड़बड़ी, तो होगी कार्रवाई
आइजी कमजोर वर्ग ने जारी किया फरमान बेगूसराय/नीमाचांदपुरा : बेगूसराय में दुष्कर्म की वारदातें बढ़ रही हैं. वहीं मेडिकल जांच में धांधली की शिकायत मिल रही है. ऐसी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आइजी कमजोर वर्ग ने कड़ा रुख अखितयार किया है. मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी करने वाले चिकित्सकों पर भी गाज गिरेगी. सूत्रों […]
बेगूसराय/नीमाचांदपुरा : बेगूसराय में दुष्कर्म की वारदातें बढ़ रही हैं. वहीं मेडिकल जांच में धांधली की शिकायत मिल रही है. ऐसी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आइजी कमजोर वर्ग ने कड़ा रुख अखितयार किया है. मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी करने वाले चिकित्सकों पर भी गाज गिरेगी. सूत्रों से पता चला है कि इसको लेकर आइजी कमजोर वर्ग ने एसपी को पत्र लिखा है.
जिसमें साफ निर्देश जारी कर दिया है कि दुष्कर्म के किसी भी मामले में चिकित्सकों की यह राय किसी कीमत पर नहीं मानी जायेगी कि देयर इज नो डिफाइन ओपिनियन रिगार्डिंग रेप. आइजी ने निर्देश दिया है मेडिकल जांच करने वाले चिकित्सकों को अपने निष्कर्ष के लिए तर्क संगत कारण शुद्ध रूप से अंकित करना होगा. आइजी ने इस तरह की रिपोर्ट देने वाले चिकित्सकों के खिलाफ राज्य पुलिस मुख्यालय एवं सक्षम पदाधिकारी के यहां रिपोर्ट भेजने को कहा है
ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके. उन्होंने सूबे के सभी पुलिस अधीक्षकों एवं डीआइजी को एक पत्र भेजकर 2016 में दुष्कर्म के सत्य पाये गये सभी मामलों में इन बिंदुओं की जांच का निर्देश दिया है. आइजी ने उदाहरण के तौर पर एक मामले का उल्लेख किया है, जिसमें किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के चिकित्सीय परीक्षण प्रतिवेदन में उपलब्ध सारे साक्ष्यों के बाद भी चिकित्सक द्वारा रेप के बारे में कोई राय नहीं दी गयी. यह स्थिति पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे हर हाल में धारा 164 ए का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चत करायें.
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