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आदेशपाल के भरोसे जिले का खेल विभाग
अनदेखी. एक जुलाई से श्ुरू होनी थी प्रतियोगिता 43 िदन बीते नहीं हुई एक भी खेल प्रतियोिगता बेगूसराय(नगर) : सूबे बिहार में खेल की नर्सरी कहा जाने वाला बेगूसराय का खेल विभाग इन दिनों भगवान भरोसे है. एक समय पदाधिकारियों व कर्मियों से गुलजार रहने वाला जिला खेल विभाग इन दिनों महज एक आदेशपाल के […]
अनदेखी. एक जुलाई से श्ुरू होनी थी प्रतियोगिता
43 िदन बीते नहीं हुई एक भी खेल प्रतियोिगता
बेगूसराय(नगर) : सूबे बिहार में खेल की नर्सरी कहा जाने वाला बेगूसराय का खेल विभाग इन दिनों भगवान भरोसे है. एक समय पदाधिकारियों व कर्मियों से गुलजार रहने वाला जिला खेल विभाग इन दिनों महज एक आदेशपाल के सहारे चल रहा है. लंबे समय से इस संबंध में विभाग व जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है, लेकिन इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
जिले के खिलाड़ी अब आंदोलन की रणनीति तैयार करने में जुट गये हैं.
बेगूसराय में नहीं शुरू हुई खेल प्रतियोगिता :बेगूसराय जिला खेल विभाग मेंएक भी पदाधिकारी व कर्मचारी के नहीं रहने से जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता पर ग्रहण लग गया है. बिहार के अधिकांश जिलों में खेल प्रतियोगिता समाप्त होने की स्थिति में है जबकि बेगूसराय में अभी तक शुरू भी नहीं हुई. खेल विभाग एवं जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते जिले के खिलाड़ियों में मायूसी छायी है. यहां के खिलाड़ी राज्य से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तक अपना परचम लहरा कर जिले का गौरव बढ़ा चुके हैं. लेकिन इन खिलाड़ियों के लिए आज तक खेल के क्षेत्र में कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है.
खेल प्रतियोगिता के लिए चार लाख 75 हजार की राशि हो चुकी है आवंटित :बेगूसराय जिले में खेल प्रतियोगिता के लिए चार लाख 75 हजार की राशि आवंटित की जा चुकी है. लेकिन पदाधिकारियों की लापरवाही के चलते यह अधर में लटका है. ज्ञात हो कि एक जुलाई से शुरू होनी थी खेल प्रतियोगिता और 20 जुलाई तक खेल प्रतियोगिता समाप्त हो जाना था लेकिन अगस्त माह आधा बीतने वाला है लेकिन अभी तक प्रतियोगिता शुरू भी नहीं हुई है.
खिलाड़ियों के लिए नहीं है एक भी स्टेडियम :बेगूसराय जिला को खेल की नर्सरी भले ही कहा जाता हो लेकिन सच्चाई यह है कि जिले में मानक के अनुसार एक भी खेल स्टेडियम नहीं है.
कई बार शासन और प्रशासन के द्वारा स्टेडियम बनने की न सिर्फ बात हुई वरन प्रस्ताव भी पारित किया गया. लेकिन दुखद पहलू यह है कि आज तक एक भी स्टेडियम सुदृढ़ नहीं हो पाया है. जिससे खिलाडि़यों को खेल का अभ्यास करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिला मुख्यालय स्थित गांधी स्टेडियम है जहां खिलाड़ी अभ्यास के साथ-साथ विभिन्न तरह के खेल प्रतियोगिता में भाग लेते रहे हैं. उस स्टेडियम को भी व्यवसाय के कार्य में लाया जा रहा है.
खिलाड़ी बना रहे आंदोलन की रणनीति :जिले में खेल की दुर्दशा को लेकर खिलाड़ी अब आंदोलन के मूड में आ गये हैं. खिलाड़ियों का कहना है कि अविलंब खेल प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया गया और खिलाड़ियों की सुविधाओं का ख्याल नहीं किया गया तो शीघ्र ही जिले के खिलाड़ी एकजुट होकर आंदोलन करेंगे.
इसके लिए खिलाड़ियों ने बेगूसराय जिला खेल महासंघ के सचिव मृत्यंजय कुमार वीरेश के नेतृत्व में बैठक कर आंदोलन की रणनीति पर विचार किया . इस बैठक में दिलजीत, मो सैफुल, सोनू, गोविंद, कुंदन, मुकेश, आलोक, गौरव, बिक्रम समेत अन्य खिलाड़ी उपस्थित थे.
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