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–और देखते ही देखते राख में तबदील हो गया किसानों का अरमानपूरे दिन बिलखते रहे सैकड़ों किसान विपिन कुमार मिश्रबेगूसराय(नगर). दिन के लगभग 12 बजे बरौनी प्रखंड कार्यालय के महज कुछ ही दूरी पर भगवानपुर जाने वाली पथ पर अचानक हलचल, लोगों के बीच कोलाहल,विभिन्न दिशाओं में लोगों में भगदड़ अचानक लोगों को कुछ भी […]

–और देखते ही देखते राख में तबदील हो गया किसानों का अरमानपूरे दिन बिलखते रहे सैकड़ों किसान विपिन कुमार मिश्रबेगूसराय(नगर). दिन के लगभग 12 बजे बरौनी प्रखंड कार्यालय के महज कुछ ही दूरी पर भगवानपुर जाने वाली पथ पर अचानक हलचल, लोगों के बीच कोलाहल,विभिन्न दिशाओं में लोगों में भगदड़ अचानक लोगों को कुछ भी समझ में नहीं आया. इसी बीच बेगूसराय-भगवानपुर पथ के कौआटाल पुल के समीप अग्नि की तेज लपट को देख लोगों को अनहोनी की आशंका हुई और लोग विभिन्न दिशाओं से खेतों की ओर दौड़ पड़े. जब तक किसान अपने-अपने खेतों पर पहुंचे तब तक आग विकराल रूप धारण कर चुका था. आग की तेज लपटों के कारण आकाश में काले बादल मंडराने लगे. जिसका परिणाम इन किसानों को चंद मिनटों में ही मुंह की रोटी छिन कर मिल गयी. : बिजली की चिनगारी ने बरपाया कहर बताया जाता है कि बरौनी व तेघड़ा के इस क्षेत्र में बिजली की चिनगारी से आग लगने की घटना कोई नयी बात नहीं . इससे पूर्व भी अग्निकांड में किसानों के खेतों की फसल राख हो चुकी है. लेकिन इस बार का अग्नि प्रकोप सबसे अधिक था. इसी का नतीजा हुआ कि हजारों बीघे में किसानों के खून-पसीने की कमाई चंद मिनटों में ही राख में तबदील हो गया. : आग पर काबू पाने का जोरदार हुआ प्रयासजब भीषण अग्निकांड की घटना हुई और हजारों लोगों की भीड़ घटना स्थल पर जमा हुई तो लोगों के द्वारा जोरदार प्रयास अग्नि पर काबू पाने के लिए किया गया. अपना हाथ जगरनाथ के तहत किसानों ने अपने-अपने खेतों में लगे पंपसेट को चालू कर आग पर काबू पाने के लिए जूझने लगे. लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी कि किसी का कुछ नहीं चल पाया. लोगों को यह पता नहीं था कि बुधवार का दिन उनके लिए मनहूस साबित होगा और चंद मिनटों में ही उनके अरमान राख के ढेर में तबदील हो जायेंगे. : अन्नदाताओं की चीख से गमगीन हुआ माहौल किसान बड़ी मेहनत से कर्ज लेकर अपने खेतों में मंहगे खाद व बीज डाल कर फसलों को तैयार करते हैं. इस उम्मीद के साथ कि आने वाले समय में ये फसल उनके तारणहार बनेंगे. लेकिन नजरों के सामने अगर किसी का आशियाना राख हो रहा हो तो वैसे अन्नदाता के उपर क्या गुजरेगा. इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. जो फसल घर ले जाने की तैयारी किसान कर रहे थे. उसी फसल को आग के हवाले होता देख किसान चीत्कार मारने लगे. : जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मचा रहा कोहरामबुधवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अग्निदेवता अपना उग्र रूप धारण कर लोगों में कोहराम मचा दिया. जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में किसानों के पांच हजार से अधिक बीघे में लगी गेहूं की फसल राख में तब्दील हुई है. करोड़ों रुपये की क्षति का अनुमान है. जिले के शाम्हो प्रखंड व तेघड़ा अनुमंडल क्षेत्र का इलाका इस अग्निकांड में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. : जिले में दुरुस्त नहीं हैं अग्निशमन व्यवस्थाप्रतिवर्ष जिले में अग्निकांड से बड़ी संख्या में जहां लोग प्रभावित होते हैं वहीं करोड़ों की संपत्ति का नुकसान भी होता है. इसके बाद भी शासन व प्रशासन के द्वारा जिले में अग्निशमन व्यवस्था को दुरु स्त नहीं किया जा सका है. कहने को तो जिले में आधे दर्जन से अधिक दमकल की गाडि़यां हैं लेकिन समय आने पर अधिकांश दमकल दम तोड़ता हुआ ही दिखाई पड़ता है. दो-तीन दमकल के सहारे ही पूरे जिले को नियंत्रित करना पड़ता है. सबसे अधिक गंभीर स्थिति जिले के शाम्हो प्रखंड की है. जहां दमकल के नाम पर महज खानापूर्त्ति है. शाम्हो थाना के प्रांगण में एक मिनी दमकल दिया गया है. अग्निकांड की घटना के बाद यह दमकल ऊंट के मुंह में जीरा के फोरन के समान साबित होता है.

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