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समृद्धि के लिए संजीवनी होगा मुंगेर पुल

परिचालन होगा शुरू .मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर रेल परिचालन का सपना हो रहा साकार करीब 14 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद 12 मार्च को मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर रेल परिचालन का सपना साकार होने वाला है. इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना का शिलान्यास 25 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी […]

परिचालन होगा शुरू .मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर रेल परिचालन का सपना हो रहा साकार
करीब 14 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद 12 मार्च को मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर रेल परिचालन का सपना साकार होने वाला है. इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना का शिलान्यास 25 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से किया था.इस पुल पर रेल परिचालन प्रारंभ होने से बेगूसराय,खगडि़या,मुंगेर शहर से कोलकाता तक की दूरी कम हो जायेगी .12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंगेर पुल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
12 मार्च को पीएम के उद्घाटन के बाद लोगों की आस होगी पूरी
बेगूसराय/साहेबपुरकमाल : करीब 14 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद 12 मार्च को मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर रेल परिचालन का सपना साकार होने वाला है. इस पुल पर आवागमन चालू होने के लिए लोग टकटकी लगाये हुए थे.
पुल के कार्य में शिथिलता और आ रही बाधा के चलते इस कार्य को पूरा करने में काफी वक्त लग गया. कई बार आंदोलन भी किये गये, जिला से लेकर राज्य और केंद्र तक इस पुल को लेकर सड़क से संसद तक आवाज भी उठायी गयी. इसी का नतीजा हुआ कि इस रेल सह सड़क पुल के कार्य में तेजी आयी और पहले चरण में रेल पुल गाड़ी दौड़ाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो गयी है.
परिचालन शुरू होने से कई शहरों की कमेगी दूरी : पुल पर रेल परिचालन प्रारंभ करने की तैयारी में रेलवे ने पूरी ताकत झोंक दी है. इस पुल पर रेल परिचालन प्रारंभ होने से बेगूसराय,खगडि़या,मुंगेर शहर से कोलकाता तक की दूरी भी कम हो जायेगी और इससे इन क्षेत्रों के विकास के द्वार भी खुल जायेंगे. बेगूसराय, बिहार के साथ-साथ देश के कई हिस्सों की नजर इस पुल पर टिकी हुई थी.
25 दिसंबर 2002 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था शिलान्यास :इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना का शिलान्यास 25 दिसंबर 2002 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से किया था. उस वक्त इस पुल के निर्माण में 925 करोड़ रुपये बजटीय प्रावधान किया गया था. परंतु पुल निर्माण कार्य पूर्ण होने तक तीन गुणा बढ़ कर लागत खर्च 2774 करोड़ तक पहुंच गया. जिस वक्त पुल का शिलान्यास हुआ था.
उस वक्त पुल का रेल एलायमेंट साहेबपुरकमाल स्टेशन से कुरहा,फुलमल्लिक होते हुए पुल तक बना था. परंतु बाद में रेल मंत्री के बदल जाने पर रेल एलायमेंट में परिवर्त्तन कर शिवचंद्रपुर, सबदलपुर की ओर कर दिया गया. जिस कारण परियोजना लागत में वृद्धि के साथ-साथ समय भी अधिक लग गया. पुल निर्माण कार्य संबंधी लोकेशन,सर्वे, मॉडल टेस्टिंग और प्रोजेक्ट निर्माण कार्य रेलवे की बहुचर्चित कंपनी आरआरटीएस ने किया था.
पुल में बनाये गये हैं 30 पाये :पुल में कुल 30 पायाें का निर्माण किया गया है. जबकि इस परियोजना के तहत कुल आठ गांव सबदलपुर, श्विचंद्रपुर, मोहनपुर, सेवाय खास,सिरैया, कल्याणपुर, फुलमल्लिक और मल्हीपुर गांव की जमीन को अधिग्रहित किया गया.
रेल एलायमेंट के दौरान कई प्रकार की बाधाएं भी सामने आयी. जिसमें सिरैया गांव के समीप लालमाता स्थान जो उमेशनगर रेल एलायमेंट के ठीक बीच में पड़ता थ. उसको लेकर ग्रामीणों ने जम कर विरोध किया था. तत्कालीन जिला पदाधिकारी के हस्तक्षेप से इस मामले को निबटाया गया. इसके बाद कार्य शुरू हुआ. इसी तरह से मोहनपुर, शिवचंद्रपुर के किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने कई बार कार्य को अवरुद्ध किया था. अंतत: सभी बाधाओं को दूर करते हुए रेल सह सड़क पुल परियोजना को पूरा कर लिया गया.
पूर्वी बिहार के लिए 12 मार्च का दिन साबित होगा ऐतिहासिक :12 मार्च का दिन बेगूसराय सहित पूर्वी बिहार के लिए ऐतिहासिक साबित होगा. जब खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंगेर पुल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस अभूतपूर्व पल का लोग एक दशक से इंतजार कर रहे थे.
खासकर बेगूसराय के लिए यह पुल उन्नति वसमृद्धि के लिए संजीवनी बूटी साबित होगा.जहां बेगूसराय अपने पुराने जिले मुंगेर से सीधा जुड़ जायेगा.
सुल्तानगंज जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए साबित होगा वरदान :
मुंगेर पुल उत्तरवाहिनी गंगाजल की प्राप्ति के लिए सुल्तानगंज जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगा. इसी तरह से पुराना व प्रसिद्ध जिला भागलपुर से भी सीधे जुड़ाव हो जायेगा. जो चावल व चूरा के लिए विश्व प्र्रसिद्ध है.
उत्तर बिहार व उत्तर भारत के लिए प्राप्त होंगे कई ट्रेन : इस पुल के चालू होने से अब भागलपुर से उत्तर बिहार सहित उत्तर भारत के विभिन्न शहरों दिल्ली, अमृतसर, हरिद्वार जम्मूतबी के लिए सीधे ट्रेन प्राप्त होगी.
जो भाया बेगूसराय, बरौनी होकर चलने की उम्मीद है. इसके साथ ही बेगूसराय स्टेशन का भी कायाकल्प होगा. प्लेटफॉर्म का भी विकास होगा. यात्री सुविधाओं की वृद्धि होगी और बेगूसराय स्टेशन का लुक बदल जायेगा.

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