विभाग बना मूकदर्शक यात्रियों के साथ भी की जा रही है बदसलूकी
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स्टेशन पर रेल का खेल लगातार जारी
विभाग बना मूकदर्शक यात्रियों के साथ भी की जा रही है बदसलूकी बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय स्टेशन लगातार उपेक्षाओं का शिकार बनता जा रहा है नतीजा है कि इस स्टेशन से यात्रा करनेवाले यात्रियों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से भी यातनाएं झेलनी पड़ती है. इस दिशा में सुधि लेनेवाला कोई नहीं है. नतीजा […]
बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय स्टेशन लगातार उपेक्षाओं का शिकार बनता जा रहा है नतीजा है कि इस स्टेशन से यात्रा करनेवाले यात्रियों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से भी यातनाएं झेलनी पड़ती है. इस दिशा में सुधि लेनेवाला कोई नहीं है. नतीजा है कि दिन-प्रतिदिन बेगूसराय स्टेशन पर यात्रियों को फजीहतें झेलनी पड़ रही हैं.
बेगूसराय रेलवे स्टेशन के पार्किंग स्टैंड व सुलभ शौचालय में आम जनता का भारी शोषण किया जाता है. एक रुपये-दो रुपये की जगह पांच रुपये से 15 रुपये तक वसूल किये जाते हैं. समझदार व पढ़े-लिखे यात्रियों द्वारा सवाल उठाये जाने पर उन्हें जलील किया जाता है. कभी-कभी तो गाली-गलौज हाथपाई तक की नौबत आ जाती है, जिससे यात्री त्रस्त हैं.
दंडित करने के बाद भी नहीं हो रहा सुधार : रेलवे के समक्ष पवदाधिकारियों के द्वारा विशेष कर मंडल प्रबंधक द्वारा ऐसे लोगों को कई बार दोषी पाकर दंडित भी किया गया पर आज भी स्थिति यथावत है. जानकारी के अभाव में अधिसंख्य लोग अपनी समस्याओं को आधिकारिक रूप से शिकायत पुस्तिका में दर्ज नहीं करवा पाते हैं और न ही एसएमएस, टवीटर पर बोर्ड के अधिकारी या मंत्री को सूचित कर पाते हैं. दर्ज कराये गये मामलों पर भी समुचित कार्रवाई होती है, इसमें शक है.
सफाई व्यवस्था को नहीं किया जा सका है दुरुस्त : स्टेशन की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए था एवं निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाना था. पर रेलवे बोर्ड ने सफाई व्यवस्था को ठेकेदारी प्रथा से करवाने का फैसला लिया.
इसके तहत एक करोड़ 33 लाख की राशि खर्च करने का प्रावधान किया गया. निविदा की शर्तों के अनुसार ठेकेदार को प्रतिदिन जेट मशीन, स्क्रविंग मशीन, स्प्रे मशीन, ड्रायर इत्यादि की मदद से प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया, टैंक इत्यादि की सफाई फिनाइल, ऑडोनिल, इनसेक्ट कीलर, परफ्यूम स्प्रे इत्यादि की मदद से करनी थी. लेकिन ठेकेदारों व कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से मशीनें नहीं लायी गयी. सिर्फ सात झाड़ूवालों को वरदी पहना कर काम शुरू कर दिया गया.
नतीजा है कि आनेवाले रेलयात्री उसी गंदगी को झेलने को विवश हैं. जेट मशीन से प्लेटफॉर्म नहीं धोये जाते हैं. फर्श को स्क्रबर मशीन से रगड़ कर और वाइपर से कभी नहीं पोछा जाता है. ड्रायर इस्तेमाल करने की जरूरत ही कहां है.
सुरक्षा को लेकर भी सशंकित रहते हैं रेलयात्री : बेगूसराय स्टेशन परिसर में शाम के समय में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगता है. इससे यात्रियों में छिनतई, बदसलूकी की घटना को लेकर दहशत का माहौल बना रहता है.
हालांकि इन दिनों जीआरपी के द्वारा सुरक्षा को लेकर विशेष चौंकसी बरती जा रही है.
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