दोहरी मार झेल रहे सैकड़ों मछुआरे
साहेबपुरकमाल : प्रखंड क्षेत्र के मछुआरे सरकार की गलत नीति और प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण दोहरी मार झेल रहे हैं. मछुआरा संघ प्रत्येक वर्ष सरकार को पर्याप्त राजस्व देकर जल कर की बंदोबस्त करते हैं. बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समिति के जिला संरक्षक अनिरुद्ध सहनी ने बताया कि गरीब मछुआरे कर्ज लेकर जल कर की बंदोबस्ती के लिए राजस्व तो जमा कर देते हैं,
परंतु नियम में खामियों के चलते गैर मछुआरा इसका लाभ लेते हैं. उन्होंने बताया कि कहीं सीमा विवाद, तो कही खेसरा विवाद सामने आता है. परंतु, प्रशासन समस्या का सामाधान करने के बजाय उलझा कर रखते हैं. जमीन के भौगोलिक संरचना की जमीन को जल कर मानते हुए नये खसरे को सैरात पंजी में चढ़ाने के लिए आंदोलन भी किया गया है.
परंतु, स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण मछुआरों और प्रशासन की मिलीभगत से मुर्दे चौकी, बरहा नाला, खनुआ बछड़ा नाला जल कर, आहोक मोइन जल कर की सैरात जमीन होते हुए भी प्रशासन द्वारा अवैध तरीके से जमाबंदी कायम कर गैर मछुआरे को दे दिया गया है.