बेगूसराय (नगर) : नीमाचांदपुरा थाने की पुलिस को सोयाबीन फसल लूटने के प्लान की सूचना मिली. थानाध्यक्ष ने घटना की गंभीरता व गहराई को समझने में भूल की. इसके चलते अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया और उग्रवादियों के साजिश की शिकार हुई नीमाचांदपुरा थाने की पुलिस.
उक्त बातें शहर के पोखड़िया स्थित अपने आवास पर दिल्ली से वापस लौटने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए बेगूसराय के भाजपा सांसद डॉ भोला सिंह ने कहीं. सांसद ने कहा कि घटना के पीछे कई वर्षों की प्रशासनिक व राजनीतिक क्रियाकलापों की विफलता को दरसाता है. उन्होंने कहा कि कुसमहौत में लंबे समय से जमीन का विवाद चल रहा है.
पूर्व में एपीएस ट्रस्ट की जमीन थी. उसे कॉमरेड एस मुखर्जी के दिशा- निर्देशन में वितरित किया गया. सरकारी कर्मचारियों ने गलत तरीके से एक ही जमीन का दो-दो परचा निर्गत कर दिया. प्रशासनिक कर्मचारियों के भ्रष्टाचार ने इस मामले को दुरूह बना दिया. इनियार के किसान बंटाई पर जमीन जोतते थे. उन्हें भी कोर्ट से परचा दिया गया.
नतीजा हुआ कि जमीन को लेकर न सिर्फ विवाद शुरू हुआ वरन खूनी संघर्ष चलता रहा. सांसद ने कहा कि लगभग 20 वर्ष से उक्त विवाद जारी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान एसपी ने कुसमहौत के इलाके में इस मामले को गंभीरता से लिया.
नतीजा हुआ कि जो किसान खेतों पर भय से नहीं पहुंच पा रहे थे वे खेतों पर न सिर्फ पहुंचने लगे वरन अपनी फसल को काट कर भी घर ले जाने लगे. उग्रवाद के खिलाफ वर्तमान एसपी ने संगठित अभियान चलाया. इसी का नतीजा हुआ कि उक्त कार्रवाई में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 50 से अधिक उग्रवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
सांसद ने कुसमहौत की घटना का जिक्र करतेे हुए कहा कि परिस्थिति को गंभीरता से नहीं समझना, पुलिस के जवानों का सरकारी वरदी में नहीं होना, पुलिस के वनिस्ब्त उग्रवादियों के सीआइडी का मजबूत होना इस घटना का कारण बना.
कुसमहौत की घटना में गिरफ्तार 25 लोगों के संबंध में सांसद ने कहा कि इस मामले में पुलिस को काफी सतर्कता व गहराई से विभेद पैदा करना होगा. उन्होंने जिला पुलिस प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन में हुई त्रुटि को समाप्त कर आर्थिक, सामाजिक सुधार करने की दिशा में सकारात्मक पहल करें. केवल पुलिसिया कार्रवाई से विपत्ति बढ़ेगी.