सिमरिया : गंगा घाटतैयारियों में जुटा जिला प्रशासन बीहट़ 18 अक्तूबर से राजकीय कल्पवास मेला सिमरिया गंगा तट पर शुभारंभ होने जा रहा है.
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी कल्पवास मेले में आस-पास के जिलों, मिथिलांचल क्षेत्र, नेपाल, भूटान, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से भारी संख्या में कल्पवासी सिमरिया घाट पहुंच कर एक महीना तक गंगा स्नान करेंगे. कल्पवास मेला शुरू होने में चंद दिन शेष रह गये हैं
लेकिन अब तक जिला प्रशासन एवं प्रखंड प्रशासन द्वारा घाट की सफाई, रोशनी, घाटों की बैरिकेडिंग एवं स्नान घाटों को दुरुस्त नहीं करने की वजह से श्रद्धालुओं को भारी कुव्यस्थाओं के बीच ही गंगा में डुबकी लगाने के लिए विवश होना पड़ेगा. ऐसा माना जा रहा है कि यदि प्रशासन की तरफ से उचित व्यवस्था नहीं हुई,
तो श्रद्धालु गंदगी को पार करके ही गंगा में डुबकी लगायेंगे. गंगाघाट से सर्वत्र पसरा में कूडा-कचरासिमरिया गंगा घाट में सर्वत्र गंदगी का अंबार लगा हुआ है. मुंडन के बाल, दातून, कूड़ा, कचरा, मल-मूंत्र की दुर्गंध से श्रद्धालुओं को निश्चित रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.खतरनाक बना है
स्नान घाटस्नान घाटों की बदतर स्थिति को देख कर अभी से श्रद्धालु सिहर रहे हैं. प्राय: सभी घाटों पर स्नान करना खतरे से खाली नहीं है. स्नान घाट मिट्टी कटने व धंसने के कारण काफी खतरनाक नजर आ रहा है. लाखों के राजस्व की होती है उगाहीसूत्रों की माने तो घाट के ठेकेदारों के द्वारा सिमरिया घाट से लाखों रुपये की वसूली की जाती है.
मगर सफाई एवं अन्य सुविधाओं के लिए घाट तरस जाता है. जिला प्रशासन की तैयार एक नजर में: पश्चिम दिशा में अवस्थित सभी दुकानों को पूरब दिशा में स्थापित करना:
नये घाटों का निर्माण, बांस से बेरिकेटिंग एवं स्नान करने की जगह के पास बांस गाड़ कर लाल फीता बांधने: सीढ़ी के पास अतिक्रमण हटाना: बीहट नगर पर्षद को नगर निगम, बेगूसराय से मिलकर मेला परिसर में मच्छर मारने के लिए फॉगिंग व्यवस्था की व्यवस्था: स्वास्थ्य केंद्र एवं वाहन की व्यवस्था करना: खोताखोर व एनडीआरएफ की व्यवस्था करना