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मर जाऊंगी, पर मायके वापस नहीं जाऊंगी
ससुरालवालों ने नहीं अपनाया, घर के बाहर बैठी दुल्हन शनिवार को बरात लेकर ससुराल के घर पहुंची थी प्रीति सुरक्षा के लिए थानाध्यक्ष ने बढ़ायी चौकसी मंसूरचक (बेगूसराय) : बेगूसराय के बछवाड़ा थाने के भरौल गांव से महाकांत ईश्वर की पुत्री प्रीति बरात लेकर ससुराल तो पहुंच गयी, लेकिन ससुराल वाले उसे स्वीकार नहीं कर […]
ससुरालवालों ने नहीं अपनाया, घर के बाहर बैठी दुल्हन
शनिवार को बरात लेकर ससुराल के घर पहुंची थी प्रीति
सुरक्षा के लिए थानाध्यक्ष ने बढ़ायी चौकसी
मंसूरचक (बेगूसराय) : बेगूसराय के बछवाड़ा थाने के भरौल गांव से महाकांत ईश्वर की पुत्री प्रीति बरात लेकर ससुराल तो पहुंच गयी, लेकिन ससुराल वाले उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. ससुराल पहुंचे उसे करीब 48 घंटे हो गये. फिर भी अभी तक उसे ससुराल वालों ने खाना तक नहीं दिया. वह ससुराल में घर के बाहर बैठी हुई है. उससे मिलने आस-पास के लोग पहुंच रहे हैं. थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार ने प्रीति की देखभाल के लिए वहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया है.
क्या है मामला : प्रीति की शादी 21 अप्रैल, 2014 को मकदमपुर निवासी अर्जुन ठाकुर के पुत्र धीरज कुमार के साथ जबरन कर दी गयी थी. इसके बाद लड़के के पिता ने मंसूरचक थाने में लड़की के पिता महाकांत ईश्वर सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. बाद में महाकांत ईश्वर द्वारा अक्षर आंचल की सचिव कामिनी के माध्यम से राज्य महिला आयोग से संपर्क साधा गया, जिसके बाद आयोग की सदस्य रीना कुमारी के नेतृत्व में प्रीति को उसकी ससुराल पहुंचाया गया.
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