बेगूसराय (नगर): राजेंद्र पुल पर जाम की समस्या से शीघ्र मिलेगा निजात. जाम से निजात दिलाने को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सीमा त्रिपाठी ने पहल शुरू कर दी हैं. विदित हो कि राजेंद्र पुल पर प्रतिदिन जाम लगना लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है.
रविवार को भी पुल पर लगा जाम को प्रभात खबर ने प्रमुखता से छापा था. खबर का असर यह हुआ कि जिलाधिकारी सीमा त्रिपाठी ने राजेंद्र सेतु पर वन वे आवागमन को चालू करने के लिए 30 दिसंबर को अपने कार्यालय कक्ष में बैठक बुलायी हैं.
बैठक में भाग लेने के लिए जिलाधिकारी ने बाढ़ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को भी पत्र भेजा है. डीएम ने कहा कि राजेंद्र सेतु पर रेलवे द्वारा की जा रही मरम्मत के आलोक में उसे वनवे करने का निर्णय पूर्व में लिया गया था. ज्ञात हो कि बेगूसराय छोर की ओर से जाम को लेकर अनुमंडलाधिकारी सदर के द्वारा आवश्यक कार्रवाई की गयी है. इसके बाद भी जन सामान्य को पुल को पार करने में भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. इसी के तहत जिलाधिकारी ने बाढ़ अनुमंडलाधिकारी व बेगूसराय अनुमंडलाधिकारी की संयुक्त बैठक बुलायी हैं, ताकि आमलोगों की समस्याओं का निराकरण हो सके. ज्ञात हो कि राजेंद्र पुल पर से यात्र करना इन दिनों लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई है. वन वे के दौरान सही रू प से गाड़ियों का परिचालन नहीं करने से लोग घंटों जाम में फंस कर जूझते हैं. इतना ही नहीं प्रत्येक दिन ट्रेन पकड़ने के लिए हाथीदह जानेवाले अधिकांश लोगों की गाड़ियां छूट जाती हैं. जिलाधिकारी ने अपने कार्यालय कक्ष में 30 दिसंबर को ही शाम पांच बजे बेगूसराय जिले में बिना परमिट एवं ओवरलोडिंग वाहनों के परिचालन की जांच हेतु बैठक बुलायी गयी है. इसमें जिलाधिकारी के अलावा, पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक एवं नगर निगम के आयुक्त उपस्थित रहेंगे.
थाने पर किया हमला, दारोगा को पीटा
एक अफवाह से डंडारी थाने पर महादलित परिवार ने लाठी-डंडे व ईंट-पत्थर से लैस होकर बगैर कुछ कहे हमला बोल कर दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों की पिटाई कर थाने में रखे टेबल, कुरसी, कागजात, वायरलेस समेत अन्य सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया. अचानक इस तरह की घटना से थाने में अफरातफरी मच गयी. पुलिसवाले जान बचाने के लए इधर-उधर भागने लगे. आसपास के लोग जब आक्रोशित लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष ने झूठे आर्म्स एक्ट में किशुनदेव सदा को जेल भेज दिया था, जिसकी मौत हो गयी है. बाद में जब पता लगाया गया तो बात झूठ निकली. सच सामने आने पर हमलावर भागने लगे. आसपास के ग्रामीण व पुलिसवालों के सहयोग से तीन लोग गिरफ्तार कर लिये गये.