बेगूसराय (कोर्ट) : न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार (चतुर्थ) ने अपहृता मोनी कुमारी (काल्पनिक नाम) का बयान 164 के तहत दर्ज किया. अपहृता ने कहा कि मैं कॉलेज जा रही थी. रामप्रीत महतो, रामरतन महतो, पिंटू महतो, टिंकू महतो, सीता देवी सब ने मिल कर मुङो जबरदस्ती गाड़ी में बैठा दिया.
मुङो मालूम नहीं कि वे मुङो कहां ले गये. अपने छोटे लड़के राजीव कुमार के साथ मुङो डरा-धमका कर शादी कर दी. मैं बोलती थी कि मुङो मेरी मां के पास पहुंचा दो, पर उन्होंने मुङो उनके पास जाने नहीं दिया. मैं राजीव के बच्चे की मां बनी. मुङो मारपीट कर सात महीने के गर्भ का नुकसान करा दिया.
मैं फिर गर्भवती बनी हूं. वह मुङो फिर मारता-पीटता है और कहता है कि पिता को कहो जमीन लिख दे. ज्ञात हो कि पीड़िता की मां सूचिका अनीता देवी ने इस मामले की प्राथमिकी गढ़पुरा थाना कांड संख्या 60/12 के तहत दर्ज करायी है. इधर, न्यायिक दंडाधिकारी देवप्रिय ने अपहृता सोनी कुमारी (काल्पनिक नाम) का बयान 164 के तहत दर्ज किया.
उसने कहा कि वह मौसी के यहां आ रही थी तो रास्ते में गौतम मिला. गौतम ने कहा कि चलो, तुम्हें पहुंचा देते हैं. वह मुङो बोलेरो में बैठा कर मोकामा ले गया. उसके बाद पता नहीं मुङो कहां ले गया, क्योंकि कपड़े पर कुछ रख कर सुंघा दिया, जिससे मैं बेहोश हो गयी. जब मुङो होश आया, तो मैंने खुद को एक रू म में पाया. मैं लगभग 10-15 दिन उसी रूम में रही और मौका पाकर वहां से निकली, तब पता चला कि यह दिल्ली है.
मैं ट्रेन से घर आयी. मैं जेवर लेकर मौसी के यहां जा रही थी, जेवर गौतम ने ले लिया. वहीं, न्यायिक दंडाधिकारी देवप्रिय ने बाल श्रमिक से काम कराने के आरोपित विंदेश्वरी राय, मंसूरचक के समसा निवासी को दोषी पाकर तीन हजार अर्थदंड की सजा सुनायी. अभियोजन की ओर से एपीओ राधेश्याम प्रसाद ने एक गवाह की गवाही करायी.
आरोप है कि सूचक मदन प्रसाद सिंह, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बछवाड़ा द्वारा जब आरोपित के घी की दुकान की जांच की गयी, तो 28 नवंबर, 02 को दुकान में बाल श्रमिक 12 वर्षीय अरविंद कुमार काम करता पाया गया.