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बिहार : फूस की झोपड़ी में रह रहा पूर्व विधायक का परिवार, नसीब नहीं हो पाया पक्का मकान
स्व. रामेश्वर सिंह के परिजन को नसीब नहीं हो पाया पक्का मकान पूर्व विधायक की पत्नी के निधन पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे लोगों में हो रही है चर्चा विपिन कुमार मिश्र बेगूसराय : आज के माहौल में विधायक के बनते ही पूरा परिदृश्य महज कुछ समय में ही बदल जाता है, लेकिन […]
स्व. रामेश्वर सिंह के परिजन को नसीब नहीं हो पाया पक्का मकान
पूर्व विधायक की पत्नी के निधन पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे लोगों में हो रही है चर्चा
विपिन कुमार मिश्र
बेगूसराय : आज के माहौल में विधायक के बनते ही पूरा परिदृश्य महज कुछ समय में ही बदल जाता है, लेकिन आज भी एक जमाने में चर्चित भाकपा के पूर्व विधायक स्वर्गीय रामेश्वर सिंह के परिजनों को पक्का मकान नसीब नहीं हो पाया है. फूस की झोपड़ी में उनके परिजन जीवन बसर करने को मजबूर हैं.
रामेश्वर सिंह की दूर-दूर तक होती थी चर्चा : वर्ष 1980 में बरौनी विधानसभा क्षेत्र से भाकपा के टिकट में जीतकर बिहार विधानसभा पहुंचने वाले रामेश्वर सिंह को लोग प्यार से काका कहा करते थे.
उनकी चर्चा सिर्फ जिले ही नहीं, वरन राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर हुआ करती थी. ईमानदारी की मिसाल के रूप में काम करने वाले रामेश्वर सिंह ने विधायक बनने के बाद कभी अपनी सुख-सुविधा या परिवार की तरक्की के बारे में नहीं सोचा. आजीवन स्वतंत्रता सेनानी के रूप में चर्चित रहने वाले स्व सिंह हमेशा गरीबों और मजदूरों की आवाज बनते रहे. बताया जाता है कि विधायक बनने से पूर्व और विधायक बनने के बाद से लेकर आज तक बरौनी विधानसभा क्षेत्र, जो अभी वर्तमान में तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, इसी विधानसभा क्षेत्र की मधुरापुर पंचायत दो में उनका घर है. वहां आज की तिथि में भी वही झोंपड़ी है, जो वर्षों पूर्व थी.
टूटी झोपड़ी में लगा लाल झंडा देख आने वाले लोग होते हैं भावविह्वल
फूस की झोपड़ी और उसके अंदर टूटी हुई चौकी पर पूर्व विधायक स्व सिंह की पत्नी सरस्वती देवी रहा करती थीं. पांच दिन पूर्व उनका निधन जब हुआ तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जिले से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व विधायक की पत्नी के निधन के बाद विभिन्न क्षेत्रों से उनके घर पर लोगों का आना लगातार जारी है.
आने वाले लोग जब पूर्व विधायक की झोपड़ी व उस लगे लाल झंडे कोदेखते हैं तो लोगों के मुंह से निकल जाता है कि एक विधायक ऐसे भी थे, जिन्हें रहने के लिए घर
भी नहीं हो सका. स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस फूस की झोंपड़ी में उनकी पत्नी का निधन हुआ है, उसी जगह पर पूर्व विधायक का भी निधन हुआ था. आने वाले लोगों से मिलते हुए पूर्व विधायक के दोनों पुत्र राजेंद्र सिंह और सच्चिादानंद सिंह अपने पिता की पूरी कहानी लोगों को बताने लगते हैं. जिस समय स्व रामेश्वर सिंह विधायक थे. उस समय उनका वेतन काफी कम था. नतीजा हुआ कि उनकी पत्नी को अंतिम समय तक मात्र 1700 रुपये पेंशन मिलती थी. इसी पेंशन के सहारे वे अपना जीवन बसर करती थीं.
पत्नी के श्राद्ध पर होगी श्रद्धांजलि सभा
बरौनी के पूर्व विधायक व आजीवन स्वतंत्रता सेनानी रहने वाले स्व रामेश्वर सिंह की पत्नी सरस्वती देवी के श्राद्धकर्म पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जायेगा, जिसमें राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के वाम दल के बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया है.
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