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कमलेश चंद्रा रिपोर्ट लागू करे सरकार

आयोजन. ग्रामीण डाकसेवक संघ का परिमंडलीय अधिवेशन शुरू अधिवेशन में 300 प्रतिनिधि ले रहे हैं भाग रिफाइनरी स्थित बीएमपी-8 के सभागार में हो रहा कार्यक्रम बेगूसराय : रिफाइनरी स्थित बीएमपी-8 के सभागार में अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ की नवम परिमंडलीय अधिवेशन के दूसरे दिन प्रतिनिधि सत्र का आरंभ हुआ. अधिवेशन में बिहार के […]

आयोजन. ग्रामीण डाकसेवक संघ का परिमंडलीय अधिवेशन शुरू

अधिवेशन में 300 प्रतिनिधि ले रहे हैं भाग
रिफाइनरी स्थित बीएमपी-8 के सभागार में हो रहा कार्यक्रम
बेगूसराय : रिफाइनरी स्थित बीएमपी-8 के सभागार में अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ की नवम परिमंडलीय अधिवेशन के दूसरे दिन प्रतिनिधि सत्र का आरंभ हुआ. अधिवेशन में बिहार के विभिन्न जिलों से लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्जुन शर्मा, महासचिव एसएस महादवैया, पूर्व महासचिव आरएपी सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह परिमंडलीय सचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह,राष्ट्रीय सहायक सचिव सीबी तिवारी,
राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष लखविंदर पाल आदि के नेतृत्व में प्रतिनिधि सत्र में कई तरह के फैसले लिए गये. इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष व बिहार परिमंडलीय सचिव राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले देश में लगभग तीन लाख डाककर्मी हैं तो वहीं बिहार राज्य में ग्रामीण डाक सेवकों की संख्या लगभग 18 हजार है.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन निर्धारण के लिए कर्नल कमलेश चंद्रा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी थी. अध्यक्ष श्री चंद्रा ने नवंबर 2016 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी. परंतु रिपोर्ट सौंपे जाने के ग्यारह माह के बाद भी उस रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा रहा है. विलंब के खिलाफ डाककर्मियों के द्वारा 16 अगस्त से 22 अगस्त तक देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की गयी. रिपोर्ट को अविलंब लागू कर देने की लिखित समझौता होने के बाद हड़ताल वापस ली गयी थी.
परंतु कमलेश चंद्रा की रिपोर्ट को वर्तमान में वित्त मंत्रालय में ही झुलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समझौता होने के बाद भारत सरकार द्वारा वादाखिलाफी किये जाने कारण और रिपोर्ट लागू होने में विलंब होने के कारण ग्रामीण डाककर्मियों में काफी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि अधिवेशन के प्रतिनिधि सत्र में निर्णय लिया गया कि अक्तूबर के अंत तक यदि रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया तो मजबूरीवश ग्रामीण डाक कर्मियों द्वारा फिर से कई तरह के आंदोलन तेज किये जायेंगे.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाककर्मियों की स्थानीय समस्याओं पर भी स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा समस्या हल करने के प्रति टाल- मटोल की नीति अपनायी जा रही है. इस अवसर पर स्वागत अध्यक्ष श्रीकांत राय, स्वागत सचिव अमरनाथ कुमार, रामाश्रय सिंह, विमल कुमार राय, युगल किशोर राय, रघुनंदन सहनी, विनय मिश्रा, सुशील कुमार सिंह आदि मौजूद थे.

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