बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को जोड़ने वाले प्रस्तावित भूमिगत सुरंग (टनल) में बैटरी संचालित गोल्फ कार्ट्स भी चलेंगे. इनके माध्यम से पर्यटकों को एक से दूसरे म्यूजियम तक आने-जाने की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही टनल को और आकर्षक बनाने के लिए इसकी दीवारों पर बिहार की कला, संस्कृति और विरासत की झांकियां उकेरी जायेंगी. दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (DMRC) ने जारी किये टेंडर दस्तावेज में इसकी जानकारी दी है. टनल निर्माण के लिए इच्छुक कंपनियों से पांच अप्रैल तक प्रस्ताव मांगा गया है.
1.47 किमी लंबा होगा टनल
अधिकारियों के मुताबिक टनल 1.47 किमी लंबा होगा और पूर्णत: वातानुकूलित होगा. डीएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि इसका निर्माण आधुनिकतम तकनीकों से किया जायेगा. बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने डीएमआरसी को इस परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी है. इसको लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. इस परियोजना के तीन वर्षों में पूरा होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि टनल दोनों म्यूजियमों के बीच निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करेगा. इससे बड़ी संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
जल्द पूरा होगा निर्माण
बताया जा रहा है कि दोनों म्यूजियम को जोड़ने वाले टनल का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होगा. इसके दीवारों पर भी अलग-अलग तरह की पेटिंग की जाएगी. सुरंग से गुजरते हुए लोगों को बिहार की संस्कृति और सभ्यता का एहसास होगा. इसके लिए विभाग के द्वारा विशेष कवायद की जा रही है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ये राज्य सरकार की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में शामिल है. ऐसे में इसके बेहतर और जल्द से जल्द निर्माण कराने पर जोर दिया जा रहा है.