जातिगत राजनीतिक रही हावी, विकास पर कहीं-कहीं पड़ा वोट
जातिगत राजनीतिक रही हावी, विकास पर कहीं-कहीं पड़ा वोट जिले भर में डाले गये 58 प्रतिशत वोटकुछ जगहों पर जातिगत राजनीति रही वोटरों पर हावीपढ़े लिखे लोगों ने विकास के नाम पर दिया वोटप्रत्याशियों की जीत के दावों के बीच फैसला आठ को बांका : सोमवार को हुए बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जातिगत […]
जातिगत राजनीतिक रही हावी, विकास पर कहीं-कहीं पड़ा वोट जिले भर में डाले गये 58 प्रतिशत वोटकुछ जगहों पर जातिगत राजनीति रही वोटरों पर हावीपढ़े लिखे लोगों ने विकास के नाम पर दिया वोटप्रत्याशियों की जीत के दावों के बीच फैसला आठ को
बांका : सोमवार को हुए बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जातिगत समीकरण पर वोट पड़े. इस चुनाव में इस जिले से 58 फीसदी मतदान हुआ है. जो पिछले लोकसभा चुनाव से कम है.
जिले की पांचों सीटों का समीकरण करीब-करीब एक सा रहा. अपने अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया.
हालांकि इस चुनाव में विवादास्पद बयानों का भी कोई खास असर बांका के किसी भी सीट पर दिखायी नहीं दिया. हालांकि दल और उसके गंठबंधन के पार्टी लाइन से अलग हट कर मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया. बांका विधानसभाइस विधानसभा में बांका व बाराहाट प्रखंड शामिल हैं.
इस चुनाव में इस प्रखंड से ग्यारह उम्मीदवार अपने किस्मत को आजमा रहे है. दोनों गठबंधन के उम्मीदवार बांका प्रखंड से ही थे. इसके बाद जो ज्यादा चर्चा में रहे उसमें से एक का घर बाराहाट व दो का बांका प्रखंड ही पड़ रहा है. चुनाव के पूर्व जद यू छोड़ भाजपा में शामिल हुए मनोज सिंह चंद्रवंशी इस बार चुनाव मैदान में नहीं थे.
इसके अलावा बाराहाट प्रखंड के वरीय राजद नेता की पत्नी भी दूसरे दल चुनाव मैदान में उतरने को तैयार थी. शनिवार तक इस विधानसभा का धुंध साफ नहीं हुआ था.
लेकिन अंत में मतदाताअों ने मन कर लिया था किस पार्टी को वोट देना है. यादव, मुसलिम, कुशवाहा, राजपूत जाति के कुछ मतदाताओं ने लाइन से हटकर वोट किये. इस विधानसभा से 57 प्रतिशत मतदान हुआ है. अमरपुर विधानसभाइस विधानसभा में जाति आधारित मतदान होने की सूचना है. महागंठबंधन से जनार्दन मांझी और एनडीए से डॉ मृणाल शेखर चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह कुशवाहा भी मैदान में हैं. सोमवार को हुए मतदान में अधिक से अधिक मत जातिवाद को लेकर पड़े हैं.
उससे अलग दूसरे जाति के मतदाताओं ने अपने अपने दल के गठबंधन को समर्थन करने की सूचना है. इस बात की सूचना भी है कि गठबंधन में शामिल दलों के कुछ कार्यकर्ता दूसरे गठबंधन का भी समर्थन किया है. इस विधानसभा में अमरपुर और शंभूगंज प्रखंड है. इस विधानसभा में 56 प्रतिशत मतदान हुआ है.
बेलहर विधानसभा बेलहर विधानसभा का गणित अब तक साफ नहीं होने की बात सामने आ रही है. इस विधानसभा में यादव जाति के मतदाता ही फैसला करते हैं. चुनाव में यह बात सामने आयी है कि वोट को लेकर आपस में लड़ने की बात सामने नहीं आयी. इस विधानसभा में बेलहर, फुल्लीडुमर और चांदन प्रखंड शामिल हैं.
तीनों प्रखंड में यादव जाति की संख्या ज्यादा है. एनडीए की ओर से भाजपा उम्मीदवार ने जिस दिन अपना नामांकन दिये थे उसी दिन राजद के कई कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए थे. जिसके बाद से राजनीतिक पारा गरम हो गया था. जिसके बाद से वर्तमान विधायक के पक्ष में महागठबंधन के कई नेताओं ने जम कर चुनाव प्रचार किये.
जिसके बाद से माहौल बदलने की संभावना दिखायी देने लगी. वहीं कटोरिया के पूर्व विधायक राज किशोर यादव उर्फ पप्पू यादव सहित अन्य के द्वारा भी खेल करने की सूचना है. इस विधानसभा से 57 फीसदी मतदान हुआ है. कटोरिया विधानसभाजातिगत राजनीतिक से ऊपर उठ कर यहां के मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
इस विधानसभा में कटोरिया और बौंसी प्रखंड शामिल हैं. यह एसटी के लिए सुरक्षित है. मतदाताओं से मिली सूचना के आधार पर इस विधानसभा में पूर्व विधायक की पुत्रवधु निक्की हेंब्रम व राजद स्वीटी सीमा हेंब्रम सहित जेएमएम प्रत्याशी अंजला सोरेन सहित अन्य प्रत्याशी को मत मिला है. लेकिन असली खेल बौंसी प्रखंड पर है. इस प्रखंड से जिस उम्मीदवार को अत्यधिक मत मिले होंगे वहीं उम्मीदवार राज तिलक करायेगा.
कटोरिया विधानसभा में 58 फीसदी मतदान हुआ है. धोरैया विधानसभा इस विधानसभा में विकास के नाम पर मत पड़ा है. मतदाताअों ने गंठबंधन को देखते हुए विकास के पक्ष में अपना मतदान किया है.
सबसे खास बात यहां पर यह है कि कुछ मतदाता अपने दल व जात से हट कर विरोधियों को मतदान किये है. मालूम हो कि इस विधानसभा क्षेत्र में रजौन व धोरैया प्रखंड शामिल हैं. इस वक्त मुख्य रुप से शामिल तीनों प्रत्याशियों को यहां की जनता ने पिछले कई चुनाव में हद तक समर्थन किया है.
महागठबंधन से मनीष कुमार, एनडीए से भूदेव चौधरी तथा सीपीआई से मुनीलाल पासवान है. इन तीनों में से मनीष कुमार अभी विधायक है.
एनडीए की ओर से भूदेव चौधरी दो बार यहां से विधायक रह चुके है. वहीं श्री पासवान लगातार अपनी अहम भूमिका निभाते रहे है. सुलतानगंज से विधायक रहे गणेश पासवान भी पहली बार यहां से चुनाव मैदान में है. यह सीट एससी के लिए सुरक्षित है. धोरैया विधानसभा में 61 प्रतिशत मतदान हुआ है.