इलाज के दौरान मौत, एक घंटे ठप किया जीटी रोड

औरंगाबाद शहर : शहर के मुख्य मार्ग पर जीटी रोड से गुजरनेवाले लोगों को सोमवार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सदर अस्पताल में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत से गुस्साये परिजनों व गांववालों ने करीब एक घंटे तक शहर के व्यस्ततम मार्ग में ट्रैफिक को रोक कर रखा. इससे शहर का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 25, 2017 8:55 AM
औरंगाबाद शहर : शहर के मुख्य मार्ग पर जीटी रोड से गुजरनेवाले लोगों को सोमवार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सदर अस्पताल में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत से गुस्साये परिजनों व गांववालों ने करीब एक घंटे तक शहर के व्यस्ततम मार्ग में ट्रैफिक को रोक कर रखा. इससे शहर का ट्रैफिक ध्वस्त होकर रह गया. शादी-विवाह के मौसम में खरीदारी को उमड़ी भीड़ व दूसरे राहगीरों को भीषण गरमी व तीखी धूप के बीच सड़क जाम ने रूला कर रख दिया़
कामा बिगहा मुहल्ले में हुआ हादसा : औरंगाबाद शहर के कामा बीघा अदरी नदी के किनारे ताड़ के पेड़ से ताड़ी उतारने के दौरान रामदेव चौधरी नामक पासी ऊपर से नीचे गिर पड़ा. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. आनन -फानन में कुछ लोगों के सहयोग से उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल मैं ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर अशोक दुबे ने उसका प्राथमिक उपचार किया. अस्पताल में इलाज शुरू होने के करीब पांच घंटे बाद उसकी मौत हो गयी.
अदरी नदी के किनारे जुटे थे ताड़ी पीनेवाले : यह घटना सोमवार की सुबह की है. मिली जानकारी के अनुसार कामा बीघा गांव के रामदेव चौधरी हमेशा की तरह अदरी नदी के किनारे अपने ग्राहकों को पिलाने के लिए ताड़ी चुलाने पेड़ पर चढ़ा था, इसी क्रम में वह संतुलन खो बैठा. गिरने के क्रम में पहले ताड़ के पत्ते (धलकोईया ) को पकड़ लिया और फिर नीचे की ओर झूलने लगा. बचाने की आवाज भी लगायी, लेकिन जो नीचे पीने के लिए बैठे थे वे बेबस थे. चंद सेकंड के बाद अचानक वह नीचे गिर पड़ा.
अस्पताल ले जाने के बजाय भाग खड़े हुए ताड़ी पीने के इंतजार में बैठे लोग : रामदेव के नीचे गिरते ही पीनेवाले लोग उसे अस्पताल पहुंचाने की बजाय छोड़ कर भाग खड़े हुए. समीप में ही खड़ी रामदेव की पत्नी ने कुछ लोगों को आवाज लगायी, तब भाकपा माले नेता कैलाश पासवान वहां पहुंचे और किसी तरह एक ऑटो के सहारे उसे अस्पताल पहुंचाया. पता चला कि रामदेव चौधरी गया जिले के शेरघाटी का रहनेवाला है और पिछले कई वर्षों से वह अपने परिवार के साथ कामा बीघा में रह कर ताड़ी का व्यवसाय कर रहा था.
प्राथमिक उपचार के बाद नहीं पहुंचा कोई डॉक्टर : रामदेव चौधरी की मौत के बाद गुस्साये परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जम कर हंगामा मचाया. परिजनों का कहना था कि मरीज की स्थिति गंभीर होते हुए भी एक बार प्राथमिक उपचार के बाद कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आया.
सदर अस्पताल में हंगामा करते हुए परिजन सड़क पर पहुंच गये और लगभग एक घंटे तक सदर अस्पताल गेट के समीप शहर के मुख्य मार्ग पुराने जीटी रोड को जाम रखा. परिजनों व ग्रामीणों ने शव घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस देने से इनकार किये जाने का आरोप भी लगाया.
अस्पताल की कुव्यवस्था से तंग हैं लोग : जाम का नेतृत्व कर रहे फुटपाथ फेरी विक्रेता संघ के अध्यक्ष शशि सिंह और भाकपा माले नेता कैलाश पासवान ने कहा कि सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का दौर वर्षों से जारी है. यहां इलाज के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ होता है. अमीरों को डॉक्टर घर पर इलाज करने जाते हैं और गरीब अस्पताल पहुंचता है, तो उसके साथ नाइंसाफी होती है. सड़क जाम की सूचना पाकर नगर थानाध्यक्ष राजेश वर्णवाल, दारोगा रंजीत कुमार, अंजय चौधरी, पंकज कुमार मौके पर पहुंचे और किसी तरह समझा-बुझा कर आक्रोशित लोगों को शांत कराया. इसके बाद अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा मृतक के परिजनों को एंबुलेंस मुहैया करायी गयी. इसके बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी हुई.

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