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अनदेखी. गांधी मैदान का शौच के लिए होता है उपयोग

अनदेखी. गांधी मैदान का शौच के लिए होता है उपयोगदुर्गंध से खड़ा रहना मुश्किल बड़ा मैदान होने के बाद भी शहरवासियों को इसका नहीं मिल रहा लाभ (फोटो नंबर-12) कैप्शन- बदहाल स्थिति में गांधी मैदान औरंगाबाद (नगर)शहर का सबसे प्रमुख जाना-जानेवाला गांधी मैदान पूरी तरह उपेक्षा का शिकार है. एक बड़ा मैदान होने के बावजूद […]

अनदेखी. गांधी मैदान का शौच के लिए होता है उपयोगदुर्गंध से खड़ा रहना मुश्किल बड़ा मैदान होने के बाद भी शहरवासियों को इसका नहीं मिल रहा लाभ (फोटो नंबर-12) कैप्शन- बदहाल स्थिति में गांधी मैदान औरंगाबाद (नगर)शहर का सबसे प्रमुख जाना-जानेवाला गांधी मैदान पूरी तरह उपेक्षा का शिकार है. एक बड़ा मैदान होने के बावजूद इसका लाभ शहरवासियों को नहीं मिल रहा है. इसका मुख्य कारण मैदान को गंदगी से पटे रहना है. गंदगी का आलम यह है कि इससे उठने वाले दुर्गंध के कारण इस मैदान में कोई थोड़ी देर के लिए भी खड़ा नहीं रह सकता. मैदान में गंदगी फैलाने में सबसे बड़ी भूमिका आसपास के लोगों की ही है. मैदान के बगल में महादलित परिवार के लोग रहते हैं, जो शौच के लिए गांधी मैदान का ही उपयोग करते हैं. हालांकि इसके पीछे इनके घरों में शौचालय नहीं होना बड़ा कारण है. इसके कारण खिलाड़ियों के साथ आम लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. बड़े-बड़े कार्यक्रमों का गवाह बना है गांधी मैदानशहर का गांधी मैदान बड़े-बड़े कार्यक्रमों का गवाह बन चुका है. प्रशासनिक स्तर पर हो या फिर राजनीतिक कार्यक्रम. सभी तरह के प्रमुख कार्यक्रम इसी मैदान में आयोजित होते हैं. चाहे स्वतंत्रता दिवस का मौका हो या गणतंत्र दिवस का अवसर. वहीं इस मैदान में देश के कई बड़े-बड़े राजनेताओं की सभाएं आयोजित हुई है. प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ-साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के सीएम अखिलेश यादव, पूर्व सीएम कुमारी बहन मायावती, राजनाथ सिंह, राहुल गांधी, शत्रुध्न सिन्हा, सुषमा स्वराज, लाल कृष्ण आडवाणी, एचडी देवगौड़ा, उमा भारती, संजय दत्त जैसे सरीखे राजनीतिक हस्तियां इस मैदान में आयोजित सभाओं में भाग ले चुके हैं. साथ ही प्रशासनिक कार्यक्रम भी इसी मैदान में आयोजित होते हैं. इसके बावजूद इस मैदान पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसके कारण इसकी स्थिति आज बद से बदतर है. बता दे कि इस मैदान में सालों पर गंदी फैली रहती है, लेकिन जब कार्यक्रम का तिथि निर्धारित होता है तो कार्यक्रम के दो-चार दिन पहले मजदूरों द्वारा साफ करायी जाती है. कार्यक्रम समाप्त होने के कुछ ही घंटे बाद एक बार फिर से गंदगी ही फैल जाती है. गंदगी का प्रमुख कारण पास में बसे महादलित परिवार हैं. हालांकि उनलोगों के घरों में शौचालय का अभाव होना उनलोगों की विवशता होती है. चहारदीवारी को तोड़ कर बना दिया रास्तागांधी मैदान को साफ व सुरक्षित रखने के लिए सालों पूर्व चारों ओर से चहारदीवारी का निर्माण तो कराया गया था, लेकिन आज इसे पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है. चहारदीवारी को तोड़ कर मैदान में जाने के लिए रास्ता बना दिया गया है. इससे जानवर भी मैदान में प्रवेश कर आते हैं. वहीं चहारदीवारी को तोड़ दिये जाने से इसके निर्माण में खर्च किये गये लाखों रुपये बरबाद हो गये. गांधी मैदान की इस हालत का जिम्मेवार कहीं न कहीं प्रशासन भी है. उचित देखभाल का है अभावगांधी मैदान का उचित देखभाल का भी अभाव है. यही कारण है कि मैदान के चारों ओर बनाये गये चहारदीवारी को तो तोड़ ही दिया गया, साथ ही मैदान के एक हिस्से में बैठने के लिए बनाये गये पक्का कुरसी भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. यदि मैदान को साफ व सुरक्षित रखा जाये तो स्थानीय खिलाड़ी इसका उपयोग कर सकते हैं. गांधी मैदान की देखभाल व नियमित साफ-सफाई के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से मांग की है.

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