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बिराटपुर शिव मंदिर की मूर्तियां का इतिहास 11 सौ साल है पुराना

बिराटपुर शिव मंदिर की मूर्तियां का इतिहास 11 सौ साल है पुराना (फोटो नंबर-22,23,24,25) कैप्शन- मूर्ति का निरीक्षण करते फिल्म प्रोडक्शन की टीम, प्राचीन भगवान सूर्य की प्रतिमा, प्राचीन गणपति की प्रतिमा, प्राचीन विष्णु की प्रतिमा औरंगाबाद (सदर) प्राचीन भारत के इतिहास की जानकारी दो साधनों में बंटे हुए हैं. एक तो साहित्यिक साधन व […]

बिराटपुर शिव मंदिर की मूर्तियां का इतिहास 11 सौ साल है पुराना (फोटो नंबर-22,23,24,25) कैप्शन- मूर्ति का निरीक्षण करते फिल्म प्रोडक्शन की टीम, प्राचीन भगवान सूर्य की प्रतिमा, प्राचीन गणपति की प्रतिमा, प्राचीन विष्णु की प्रतिमा औरंगाबाद (सदर) प्राचीन भारत के इतिहास की जानकारी दो साधनों में बंटे हुए हैं. एक तो साहित्यिक साधन व दूसरा पुरातात्विक साधन. फिलहाल इन्हीं साधनों के भरोसे हम अपने अतीत को टटोलने का प्रयास करते हैं. ऐसे ही कुछ पुरातात्विक साधन औरंगाबाद के बिराटपुर गढ़ के इतिहास के साक्ष्य दे रहे हैं. बिराटपुर जो औरंगाबाद शहर का सबसे पुराना मुहल्ला है, महाभारत काल से जुड़े होने का प्रमाण देता रहा है. फिलहाल इस मुहल्ले के मंदिरों में मिली प्राचीन मूर्तियां यह स्पष्ट करती है कि एक समय में बिराटपुर और आसपास पायी गयी मूर्तियों का अपना अस्तित्व रहा होगा. अदरी नदी तट के किनारे राजर्षि विद्या मंदिर के निकट शिव मंदिर व बुढिया देवी मंदिर में पायी गयी मूर्तियां जो क्षत विक्षत है, वो पाल कालीन निर्मित बतायी जा रही है. अब तक स्थानीय लोगों को भी यह अनुमान नहीं था कि इन मंदिरों में रखी मूर्तियां इतनी प्राचीन है. जब इन पर कुछ जानकारों की नजर पड़ी तो मालूम हुआ कि इन मंदिरों में रखी पत्थरों की मूर्तियां का इतिहास लगभग 11 सौ साल पुराना है. धर्मवीर फिल्म एंड टीवी प्रोडक्शन के निर्देशक धर्मवीर भारती व स्थानीय ट्रस्ट हृयूमिनिटी के सचिव ओम प्रकाश ने वार्ड पार्षद राजकिरण तिवारी के साथ मंदिर का निरीक्षण किया,तो मूर्तियों का इतिहास सामने आया. धर्मवीर फिल्म एंड टीवी प्रोडक्शन के निर्माणाधीन डॉक्यूमेंटरी फिल्म द हेरिटेज ऑफ मगध के निरीक्षण के सिलसिले में बिराटपुर गढ़ के इतिहास को जानने आयी टीम ने जब मूर्तियों की जांच परख की तब प्रोडक्शन टीम के पुरातात्विक विद् डाॅ आनंत आशुतोष द्विवेदी ने मूर्तियों के इतिहास के बारे में बताया. श्री द्विवेदी ने बताया कि जो भी मूर्तियां पायी गयी है वह भगवान सूर्य, विष्णु व गणपति की 10वीं सदी यानी पाल काल की मूर्तियां हैं, जो बेसाल्ट चट्टान पर खोदी गयी है. उन्होंने बताया कि इसके और तह तक जाने पर बहुत सारे चीजें उजागर होंगी. निरीक्षण में फिल्म प्रोडक्शन के कैमरामैन रणवीर भारती, भोलू कुमार भी शामिल थे.

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