पंचायती राज विभाग करा रहा नल जल योजना का काम, मोटर के स्टार्टर में लगेगा उपकरण

औरंगाबाद : नल जल योजना के तहत लगे पानी सप्लाई यूनिट या पानी के मोटर के चलने की देखरेख अब ऑनलाइन होगी. इसके लिए जिला स्तर पर व्यवस्था की जा रही है. इस नयी तकनीक के तहत जिले भर में योजना के तहत लगाये गये मोटर के स्टार्टर में एक उपकरण लगाये जायेंगे. इसका एक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 18, 2019 6:07 AM

औरंगाबाद : नल जल योजना के तहत लगे पानी सप्लाई यूनिट या पानी के मोटर के चलने की देखरेख अब ऑनलाइन होगी. इसके लिए जिला स्तर पर व्यवस्था की जा रही है. इस नयी तकनीक के तहत जिले भर में योजना के तहत लगाये गये मोटर के स्टार्टर में एक उपकरण लगाये जायेंगे. इसका एक कंट्रोल यूनिट या मॉनीटरिंग सेल जिला मुख्यालय पर बनाया जायेगा. इस नियंत्रण केंद्र से यह पता चलेगा कि कहां-कहां कितनी देर तक मोटर चलाया गया.

अगर कहीं किसी समस्या की वजह से मोटर नहीं चला चलेगा या बंद रहेगा इसके वाजिब कारणों की जानकारी मॉनीटरिंग सेल मेें मिलती रहेगी. अधिक देर तक मोटर चलने के कारण पानी की बर्बादी की जानकारी में दर्ज की जायेगी. इस तरह की सभी पहलुओं की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जायेगी. सूत्रों की माने, तो इस नयी प्रणाली के तहत कुछ जिलों में मॉनीटरिंग की जा रही है. अब औरंगाबाद जिले में भी इसी तकनीक के तहत नजर रखी जायेगी. जिला पंचायती राज पदाधिकारी मुकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि इससे योजना के सफल क्रियान्वयन से अनियमितता पर रोक लगेगी.

जांच में 120 वार्डों में मिली अनियमितता
जांच के क्रम में लगभग 120 वार्डों में अनिमियत्ता पायी गयी है. जिस पर डीएम राहुल रंजन महिवाल के आदेश पर लापरवाही बरतने वाले वार्ड सदस्य, वार्ड सचिव व काम कराने वाली एजेंसियों के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. सभी थानाध्यक्षों को इस मामले में कार्रवाई करने का दिशा निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसका लाभ आम लोगों को मिलना चाहिए.
650 वार्डों में नल जल काम पूरा
जिले में 2852 वार्ड हैं. इनमें 706 वार्डों में पीएचइडी की तरफ से नल जल का काम होना है. जिला पंचायती राज विभाग द्वारा 1322 वार्डों में काम शुरू किया गया है. इसमें से अब तक 650 वार्डों में काम पूरा हो चुका है. जल्द ही डिवाइस लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी.
आईओटी क्या है
आईओटी को (इंटरनेट आफ थिंगस) कंप्यूटर विज्ञान के अंतर्गत एक नवीन टेक्नोलॉजी है, जो हमें बताती है कि कैसे इलेक्ट्रानिक डिवाईस या गैजेट्स जिसमें आईपी ऐड्रेस उपलब्ध हो, वह आपस में संवाद स्थापित कर सकते हैं. इससे इंसान का काम आसान हो सकता है.
ऐसे काम करेगी डिवाइस
सभी पानी सप्लाइ यूनिट के मोटर के स्टार्टर के साथ एक तरह का डिवाइस लगायी जायेगी, जिसका नाम आइओटी है. यह आइओटी डिवाइस मोटर को ऑन करते ही स्वयं एक्टिवेट हो जायेगी. इसके बाद जिला मुख्यालय में मौजूद कंट्रोल यूनिट को लगातार संदेश मिलता रहेगा. कितने बजे मोटर ऑन हुआ, कितनी देर तक चला, निर्धारित समय से ज्यादा कितनी देर तक मोटर चलता रहा समेत अन्य सभी बातें की जानकारी मिलती रहेगी. अगर किसी स्थान पर मोटर नहीं चल रहा, इससे यह भी पता चल जायेगा कि कितने दिनों से मोटर खराब है या किस वजह से वहां का मोटर नहीं चल रहा है. सभी प्रणाली में जीपीएस भी लगा रहेगा, जिससे उसके स्थान की सटीक जानकारी भी मिलेगी. कोई भी व्यक्ति इसे इधर-उधर नहीं हटा सकेगा. इससे घर-घर नल का जल योजना की मॉनीटरिंग मुकम्मल तरीके से हो सकेगी और बिना किसी परेशानी के लोगों को पानी की सप्लाई भी होती रहेगी. साथ ही पानी की बर्बादी भी रोकी जा सकेगी. बेवजह न मोटर चलेगा और न ही पानी ही बहेगा.
एक डिवाइस पर चार से पांच हजार आयेगा खर्च
नल जल योजना के मोटर के संचालन की जानकारी रखने के लिए लगने वाले एक डिवाइस पर चार से पांच हजार रुपये खर्च आयेंगे. ऐसे में देखा जाये तो सभी वार्डों में डिवाइस लगाने में लाखों रुपये खर्च होंगे. विभाग के अधिकारियों की मानें तो इसके लिए टेंडर निकाला जायेगा. इसकी प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है. उम्मीद है जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी करते हुए डिवाइस लगाने का काम शुरू किया जायेगा.
2020 तक नल जल योजना को पूरा करने का लक्ष्य
जिले में 2020 तक नल जल योजना को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके अनुरूप से काम किया जा रहा है. इसमें कहीं से भी कोई गड़बड़ी उजागर होने पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है. इस योजना के तहत प्रत्येक वार्ड में 13 से 14 लाख रुपये बोरिंग व पाइप बिछाने आदि में खर्च किये जा रहे है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने बताया कि अधिकारियों व कर्मियों के साथ बैठक कर लगातार आवश्यक दिशा निर्देश दिया जा रहा है ताकि समय पर काम पूरा हो सके.

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