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उत्पाद अधीक्षक ने किया दावा आज से शुरू होंगी जिले के दोनों नगर परिषद में चार दुकानें दुकानों को सामग्री उपलब्ध कराने वाली प्राधिकृत एजेंसी के कर्मी ने कहा अभी और लगेंगे दस दिन अररिया : शराब पीने वाले व्यक्तियों का तीसरा दिन भी ड्राय डे के रूप में बीता. शराब की खोज में आदतन […]

उत्पाद अधीक्षक ने किया दावा आज से शुरू होंगी जिले के दोनों नगर परिषद में चार दुकानें

दुकानों को सामग्री उपलब्ध कराने वाली प्राधिकृत एजेंसी के कर्मी ने कहा अभी और लगेंगे दस दिन
अररिया : शराब पीने वाले व्यक्तियों का तीसरा दिन भी ड्राय डे के रूप में बीता. शराब की खोज में आदतन शराबी एक दूसरे शराबी के संपर्क में लगे रहे. शराबी अगर चोरी छिपे शराब की जुगाड़ कर भी रहे हैं तो उन्हें इसके लिए एमआरपी से तीन गुणा अधिक दाम चुकाना पड़ रहा है. जबकि शराब नहीं मिल पाने के कारण आदतन शराबी की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है.
इधरबीएसबीसीएल की लापरवाही के कारण अब तक शहर में एक भी शराब की दुकान नहीं खुल पायी है. इसका परिणाम है कि आदतन शराबी शराब नहीं मिल पाने के कारण अपने आप को अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं. नाम नहीं छापने के शर्त पर एक शराबी न बताया कि उसे शराब नहीं मिल पा रहा है. एक अप्रैल को जैसे तैसे बगैर शराब गुजर गया.
दो अप्रैल को जब शराब नहीं मिला तो सुबह उलटी हुई. तीन अप्रैल को चार हजार रुपये में आरएस ब्रांड के शराब का एक फूल बोतल किसी अवैध शराब बेचने वालों से खरीदा. मालूम हो कि सूबे में एक अप्रैल से पूर्ण शराब बंदी लागू है. देशी शराब की दुकान को बंद करा दिया गया है. इसके बिक्री व निर्माण पर पूर्ण रुपेण प्रतिबंध है. शराब को धीरे-धीरे समाप्त करने के उद्देश्य से नीतीश कुमार के द्वारा अंग्रेजी शराब को अभी प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है.
जबकि इसकी बिक्री की जवाबदेही बीएसबीसीएल को दी गयी है. जिले में दो नगर परिषद अररिया में दस व फारबिसगंज में नौ दुकान को एक अप्रैल से ही खुलना है. लेकिन अब तक एक भी दुकान नहीं खुल पायी है. दबे स्वर में लोग यह तक आवाज उठा रहे हैं कि शराब की दुकान नहीं खुलने के पीछे कहीं न कहीं उत्पाद विभाग व बीएसबीसीएल की कालाबाजारियों से मिली भगत तो नहीं है.

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