अब तक 25004 एमटी ही खरीद
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धान खरीद. जिले में 45000 एमटी का रखा गया था लक्ष्य, पीछे है विभाग
अब तक 25004 एमटी ही खरीद भौतिक सत्यापन में आया अंतर तो होगी प्राथमिकी की कार्रवाई धान खरीद की प्रक्रिया में विभाग किसी भी प्रकार की कोताही बरतने नहीं जा रहा है. खास कर डीएम के द्वारा धान खरीद में पारदर्शिता बरतने को लेकर विशेष रूप से अनुश्रवण किया जा रहा है. अगर पैक्स व […]
भौतिक सत्यापन में आया अंतर तो होगी प्राथमिकी की कार्रवाई
धान खरीद की प्रक्रिया में विभाग किसी भी प्रकार की कोताही बरतने नहीं जा रहा है. खास कर डीएम के द्वारा धान खरीद में पारदर्शिता बरतने को लेकर विशेष रूप से अनुश्रवण किया जा रहा है. अगर पैक्स व व्यापार मंडल स्टॉक में कम धान होने के बावजूद कागज के खेल में संलिप्त होना चाहेगा तो वैसे पैक्स अध्यक्ष व क्रय केंद्र प्रभारी पर गाज गिरना तय है. जिला सहकारिता विभाग को जिले के सभी 178 पैक्स व नौ व्यापार मंडल के द्वारा नौ हजार एमटी धान स्टॉक में बचे होने की जानकारी क्रय केंद्र प्रभारी अर्थात बीसीओ के द्वारा उपलब्ध करायी गयी है. जिसके लिए सीएमआर आवंटन के लिए 15 अप्रैल तक का समय मिलर व पैक्स अध्यक्ष को दिया गया है.
जांच टीम क्रय केंद्र पर जाकर धान की खरीद, सीएमआर आवंटन का रिकार्ड, पंजी के आधार पर स्टॉक में धान की उपलब्धता की जांच करेगी.
नहीं हो पाया जिले में धान खरीद का लक्ष्य पूरा, 3303 किसानों से हुई धान की खरीद
डीमए की ओर से गठित विशेष टीम कर रही है धान खरीद का भौतिक सत्यापन
स्टॉक व पंजी में अनियमितता पाये जाने पर होगी प्राथमिकी दर्ज : डीसीओ
जिले में धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया. 45 हजार एमटी लक्ष्य के विरुद्ध हुई 25004 एमटी धान की खरीद. यह खरीद भी मात्र 3303 किसानों से की गयी है. जबकि ज्यादातर किसान धान खरीद की प्रक्रिया से वंचित रह गये हैं. जबकि पैक्स व व्यापार मंडल के निकटवर्ती किसानों की इस बार चांदी रही. जबकि डीएम के द्वारा पैक्स व व्यापार मंडल के स्टॉक के भौतिक सत्यापन के जांच की कार्रवाई ने क्रय केंद्र प्रभारी से लेकर पैक्स व व्यापार मंडल अध्यक्ष के माथे पर शिकन की लकीर खींचने का काम किया है.
अररिया : जिले में धान खरीद की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. हालांकि इस बार धान खरीद अपने लक्ष्य के अनुरूप काफी पीछे है. धान खरीद की प्रक्रिया स्टॉक में बचे धान के सीएमआर आवंटन के लिए ही जारी रहेगी,जबकि जिले में धान क्रय कर रहे सभी 178 पैक्स व नौ व्यापार मंडल से उनके द्वारा किसानों से की गयी धान खरीद का बचे स्टॉक के जांच का जिम्मा बीसीओ को दिया गया है.
विभाग का मानना है कि अब किसानों के गेहूं फसल के कटाई का समय चल रहा है. ऐसी परिस्थिति में धान खरीद की प्रक्रिया में बिचौलियागिरी व कागजी खानापूर्ति हो सकती है. इन पर नकेल कसने के उद्देश्य से डीएम द्वारा विशेष टीम गठित कर पैक्स व व्यापार मंडल का भौतिक सत्यापन का कार्य 29 मार्च से ही प्रारंभ है, जो 31 मार्च तक चलेगा. इस बीच पैक्स व व्यापार मंडल के स्टॉक में बचे धान की जांच गठित टीम के द्वारा की जा रही है.
जबकि स्टॉक में बचे धान की मात्रा की रिपोर्ट क्रय केंद्रों के संबंधित बीसीओ से जिला सहकारिता कार्यालय के द्वारा ली जा रही है. इसकी रिपोर्ट के आधार पर जिला सहकारिता पदाधिकारी व विशेष टीम के द्वारा क्रय केंद्रों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. अब तक 58 पैक्स का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है.
निर्धारित लक्ष्य रह गया पीछे : वर्ष 2015-16 में धान खरीद के लिए जिला को 45 हजार एमटी धान खरीद करने का लक्ष्य मिला है. इसमें चालीस हजार पांच सौ एमटी धान का क्रय पैक्स व व्यापार मंडल के द्वारा होना था, जबकि 45 सै एमटी धान का क्रय एसएफसी को करना था. जबकि इस बार एसएफसी के द्वारा एक छटांक धान की भी खरीद नहीं की गयी.
जबकि 178 पैक्स व नौ व्यापार मंडल के द्वारा 25004 एमटी धान की खरीद ही की गयी है. यह खरीद जिले के मात्र 3303 किसानों से की गयी है. जबकि जिले में किसानों की संख्या व कुल सिंचित भूमि का आंकड़ा देखा जाये तो यह खरीद काफी कम है.
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