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अभियंता व पंचायत सचिव के विरुद्ध दर्ज नहीं हुआ प्राथमिकी

अभियंता व पंचायत सचिव के विरुद्ध दर्ज नहीं हुआ प्राथमिकी -डीएम का आदेश बेअसर-बीडीओ उदासीन -तकनीकी पेच में फंसा प्राथमिकी का मामला- मामला कोशकापुर दक्षिण पंचायत की योजना में गबन का प्रतिनिधि, रानीगंजकोशकापुर दक्षिण पंचायत के विभिन्न योजनाओं में वित्तीय अनियमितता के दोषी कनीय अभियंता व पंचायत सचिव के विरुद्ध अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं […]

अभियंता व पंचायत सचिव के विरुद्ध दर्ज नहीं हुआ प्राथमिकी -डीएम का आदेश बेअसर-बीडीओ उदासीन -तकनीकी पेच में फंसा प्राथमिकी का मामला- मामला कोशकापुर दक्षिण पंचायत की योजना में गबन का प्रतिनिधि, रानीगंजकोशकापुर दक्षिण पंचायत के विभिन्न योजनाओं में वित्तीय अनियमितता के दोषी कनीय अभियंता व पंचायत सचिव के विरुद्ध अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है. जबकि संबंधित पंचायत के मुखिया से पूर्व कनीय अभियंता मधुरेंद्र कुमार सिह, महेंद्र शर्मा व पंचायत सचिव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर डीएम का आदेश बीडीओ को प्राप्त है. जिला प्रशासन के सख्त रुख के बावजूद भी बीडीओ प्रमीला कुमारी मामले के प्रति उदासीन है. बताया जाता है कि डीएम ने 22 अगस्त 15 को ही पत्रांक 786 के माध्यम से दोनों कनीय अभियंता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने व गबन की राशि वसूल करने को लेकर नीलाम पत्र वाद दायर करने का आदेश बीडीओ को दिया था. जबकि मुखिया के विरुद्ध संबंधित मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर डीडीसी ने 19 दिसंबर 15 को पत्रांक 1092/ जिप के माध्यम से बीडीओ को निर्देश दिया है. हालांकि मुखिया के मामले में बीडीओ ने तत्परता दिखाते हुए 31 दिसंबर को पत्रांक 1361 के माध्यम से रानीगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. लेकिन कनीय अभियंता के मामले में बीडीओ का कथित उदासीन रवैया सामने आया है. डीएम के आदेश पत्र के चार माह बाद भी कनीय अभियंता व पंचायत सचिव कानूनी कार्रवाई की जद में नहीं आ सके हैं. जानकारी अनुसार कनीय अभियंता व पंचायत सचिव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर बीडीओ प्रमीला कुमारी ने 30 सितंबर 15 को पत्रांक 1149 के माध्यम से रानीगंज थानाध्यक्ष को सूचित की थी. लेकिन संबंधित पत्र 157 पृष्ठों का होने के साथ ही वादी के तौर पर बीडीओ नाम व पता नहीं दिया गया था. वहीं थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने दो अक्तूबर 15 को डीआर संख्या 1491/15 के माध्यम से प्राथमिकी से संबंधित सुधार व अन्य तकनीकी गड़बड़ी को दूर करने के लिए बीडीओ को लौटा दिया था. चार अक्तूबर को प्रखंड के 7800 सिपाही गृहरक्षक सदानंद यादव ने थाना द्वारा भेजे गये पत्र को प्राप्त किया है. इसके बाद बीडीओ द्वारा शनिवार तक प्राथमिकी से संबंधित पत्र थाना वापस नहीं किया गया है. कहते हैं बीडीओ:-बीडीओ प्रमीला कुमारी ने कहा कि कनीय अभियंता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाना को पत्र प्रेषित किया गया था. लेकिन थाना से पत्र वापस लौटा दिया गया है. जल्द ही प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. कहते हैं थानाध्यक्ष:-रानीगंज थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि कनीय अभियंता व पंचायत सचिव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कुल 157 पृष्ठ का एक सेट भेजा गया था. इसमें कुछ कमी को पूरा करने के लिए चार अक्तूबर को ही पूरा सेट प्रखंड कार्यालय को वापस किया गया है. संबंधित प्रति प्राप्त होते ही प्राथमिकी दर्ज होगी. कार्यपालक अभियंता ने जांच में पकड़ी गड़बड़ी-मामला कोशकापुर दक्षिण पंचायत का प्रतिनिधि, रानीगंजकोशकापुर दक्षिण पंचायत में कुल छह योजनाओं में नौ लाख पैंसठ हजार छह सौ रुपये का कथित गबन हुआ है. संबंधित गबन के मुख्य दोषी के तौर पर कनीय अभियंता मधुरेंद्र कुमार सिंह व महेंद्र शर्मा का नाम सामने आया है. मालूम हो कि प्रमंडलीय आयुक्त पूर्णिया के जनता दरबार से प्राप्त शिकायत के आलोक में डीडीसी ने 22 जुलाई 15 को मनरेगा के कार्यपालक अभियंता द्वारा कोशकापुर पंचायत के छह योजनाओं की जांच करवायी थी. दिनांक पांच अगस्त 15 को डीडीसी को दिये निरीक्षण प्रतिवेदन में कार्यपालक अभियंता ने अपना मंतव्य देते हुए कहा कि कुल छह योजनाओं में गबन की राशि 9,65,600 रुपये है. इसके लिए ऐसे तो जिम्मेवार संबंधित मुखिया, पंचायत सेवक व कनीय अभियंता हैं. लेकिन मुख्य रूप से दोषी दोनों कनीय अभियंता मधुरेंद्र कुमार सिंह व महेंद्र शर्मा हैं. कार्यपालक अभियंता ने कहा कि कनीय अभियंता द्वारा विभागीय निर्देशों का उल्लंघन कर प्राक्कलन तैयार किया जाता है. किसी वरीय पदाधिकारी को अपने काम की सूचना नहीं देते हैं. स्थल पर काम कराने को लेकर खुद मौजूद नहीं रहते हैं. मापी पुस्त को संधारित करने के लिए योजना से संबंधित मापी लेने की जगह प्राक्कलन को मापी पुस्त पर उतार देते हैं. विभागीय निर्देश व डीएम के बार-बार दिये गये निर्देशों के बाद भी आज तक सभी काम फर्जी तरीके से करते हैं. जबकि उनको पंचायत का काम छोड़ने के लिए कई बार कहा जा चुका है. इसलिए दोनों कनीय अभियंता पर विशेष रूप से कार्रवाई करने व गबन की राशि वसूल किये जाने की बात कार्यपालक अभियंता ने कही है. बहरहाल दोनों कनीय अभियंता के विरुद्ध प्राथमिकी का मामला तकनीकी पेच में फंसा है.

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