अररिया : शनिवार को अररिया में दो अलग-अलग घटना में दो लोगों की मौत हो गयी. पहली घटना कुसियार गांव स्टेशन पर घटी, जहां एक महिला ट्रेन के नीचे गिर कर घायल हो गयी. इलाज के दौरान उसकी सदर अस्पताल में मौत हो गयी. दूसरी घटना एनएच 57 पर गैयारी के पास घटी,
जहां एक तेज रफ्तार टैंकर की चपेट में आने से स्थानीय एक कॉलेज के प्रोफेसर की मौत हो गयी. दुर्घटना के एक घंटे बाद तक एनएच पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई. सूचना पाकर एसडीओ संजय कुमार, एसडीपीओ मो कासिम, बीडीओ रतन कुमार दास, सीओ अबुल हसन,
नगर थानाध्यक्ष रमाकांत चौधरी दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल अररिया भेज दिया. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने टैंकर के चालक व खलासी को कब्जे में कर लिया था, जिसे पुलिस ने मुक्त कराते हुए अपने हिरासत में ले लिया.
यह दुर्घटना शनिवार की सुबह 11 बजे घटित हुई. जानकारी अनुसार मिल्लिया इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रोफेसर मो रईस अहमद अपनी बाइक से पूर्णिया से अररिया आ रहे थे. इसी दौरान गैयारी स्थित कट के पास वे जैसे ही मुड़े पीछे से आ रहे टैंकर संख्या एनएल 02 एन 2868 ने ठोकर मार दी, जिससे प्रोफेसर की बाइक डिवाइडर से टकरायी और फिर टैंकर के नीचे चली गयी.
उनकी मौके पर मौत हो गयी. घटना के वक्त सड़क किनारे मौजूद गैयारी के मुखिया प्रतिनिधि मो मसूद आलम व अन्य ग्रामीणों के प्रयास के बाद मो रईस अहमद के शव को निकाला गया. मृतक प्रोफेसर के मोबाइल से उनके परिजनों को घटना की सूचना दी गयी. सूचना पाकर मृतक प्रोफेसर के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे. इस बीच लोगों ने सड़क जाम कर दिया.
घटनास्थल पर मौजूद एसडीओ व एसडीपीओ ने मृतक के परिजनों को सांत्वना देते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. साथ आये प्रोफेसर की पत्नी सह पूर्व मुखिया शबनम को दुर्घटना में प्रोफेसर की पत्नी के घायल होने की सूचना दे कर वापस पूर्णिया लौटा दिया गया. पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को पूरा कर मृतक प्रोफेसर के शव को परिजनों को सौंप दिया गया. पोस्टमार्टम स्थल पर मौजूद थे सहकर्मी प्रोफेसर मो रईस अहमद स्वभाव से काफी सरल थे व अपने सह कर्मियों के बीच काफी लोकप्रिय थे.
इस बात का सहज अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सहकर्मी के दुर्घटना की खबर मिलते ही मिल्लिया कॉलेज के निदेशक डॉ नेहाद आलम, प्रोफेसर रकीब अहमद, प्रो एकबाल अख्तर, प्रो तौसीफ जहरूल, अब्दुल ताहिर, चंद्रशेखर झा, विजय मिश्र, गंगा प्रसाद आदि पोस्टमार्टम स्थल पर पहुंचे. प्रो रकीब अहमद ने बताया कि मृतक प्रोफेसर मिल्लिया इंटरमीडिएट कॉलेज में गणित विषय पढ़ाते थे. वे वर्ष 1989 से ही इस कॉलेज में अपना योगदान दे रहे थे.
इनके निधन को लेकर समस्त कॉलेज कर्मियों में उदासी का आलम छाया हुआ था. कोई इनके कार्यों की प्रशंसा तो कोई इनके व्यवहार की तारीफ करते नहीं थक रहे थे. मौजूद लोगों के चेहरों पर छायी खामोशी उनके अंदर के दु:ख को बयां कर रहा था. परिजनों की चीत्कार से माहौल गमगीनदूरभाष पर सूचना पाते ही एक से डेढ़ घंटे के अंदर परिजन घटनास्थल पर पहुंच चुके थे. चार चक्का वाहन से पहुंचे अन्य रिश्तेदारों के साथ मृतक प्रोफेसर मो रईस अहमद की बीवी शबनम भी थी.
लेकिन अन्य रिश्तेदारों ने मौत की सूचना पाते ही प्रोफेसर की पत्नी को यह कह कर भेज दिया की घुटने में चोट आयी है. इलाज के लिए पूर्णिया भेज दिया गया है. इसलिए आप भी पूर्णिया जायें. इस बीच हम प्रोफेसर की बाइक को मुक्त कराने की कागजी प्रक्रिया को पूरी कर लौटते हैं. यह जानकारी देते हुए मृतक प्रोफेसर के रिश्तेदार मो असरार ने बताया कि शव को ले जाने के लिए मृतक के साढू मो शोएब, मो मोकिम पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि मृतक प्रोफेसर मूलत: नवगछिया के जमुनिया के रहने वाले थे.
पूर्णिया के एलजी शोरूम के पास भी उनका आवास है, जहां से प्रति दिन की तरह वे बाइक से अररिया स्थित मिल्लिया इंटरमीडिएट कॉलेज आ रहे थे. उनकी पत्नी शबनम जमुनिया पंचायत की मुखिया रह चुकी हैं. मृतक को कोई संतान नहीं है. पोस्टमार्टम के बाद मृतक प्रोफेसर के शव को पहले पूर्णिया ले जाया जायेगा.
टैंकर कोलकाता से जा रहा था नेपाल पुलिस हिरासत में मौजूद चालक उत्तर प्रदेश निवासी महिपाल प्रसाद ने बताया कि मलेशिया से आये कच्चे तेल को कोलकाता में लोड कर टैंकर जोगबनी के रास्ते नेपाल जा रहा था. ट्रक में 16 टन कच्चा तेल था. इस तेल को रिफाइन कर खाना बनाने के काम में लाया जाता है. दुर्घटना को लेकर उसने अपने आप को निर्दोष बताया. उसके साथ मौजूद खलासी बिरेंद्र प्रसाद भी पुलिस की हिरासत में है
. दुर्घटनास्थल पर लगाया गया ब्रेकर प्राथमिक कन्या विद्यालय गैयारी के पास स्थित मोड़ काफी खतरनाक है. जहां बराबर ही दुर्घटना होती रहती है. यहां सुरक्षा को लेकर ब्रेकर की मांग को ग्रामीणों ने एसडीपीओ व एसडीओ के सामने प्रमुखता से रखी. ग्रामीणों व स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मो मसूद, सरपंच की मांग को ध्यान में रखते हुए वहां पुलिस ने ब्रेकर की व्यवस्था की, जिससे वहां वाहनों का परिचालन अब धीमी गति में हो पायेगा.