अररिया : जिले के 97 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों पर भवन मद में अग्रिम राशि के समायोजन नहीं किये जाने को लेकर विभाग की कार्रवाई तय मानी जा रही है. अतिरिक्त वर्ग कक्ष के निर्माण के लिए प्रधानाध्यापकों को सर्व शिक्षा अभियान के द्वारा वित्तीय वर्ष 2005 -06 से 11-12 व वर्ष 2014-15 में राशि का आवंटन हुआ था.
इस मामले में राशि गबन को लेकर 18 प्रधानाध्यापकों पर पूर्व में ही विभागीय आदेश पर प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है, जबकि शेष बचे 97 प्रधानाध्यापकों को विभाग ने राशि के समायोजन के लिए 31 अक्तूबर तक का अंतिम समय दे रखा है. इस अवधि के अंदर राशि नहीं जमा करने पर गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करते हुए राशि वसूल किये जाने की कार्रवाई करने की बात विभागीय पदाधिकारी कर रहे हैं.
क्या है मामला
सर्व शिक्षा अभियान के असैनिक संभाग से अतिरिक्त वर्ग कक्ष के निर्माण के लिए प्रधानाध्यापकों राशि का आवंटन किया गया था. जिनमें वित्तीय वर्ष 2005-06 से 11-12 तक में 28 प्रधानाध्यापकों के द्वारा राशि का समायोजन नहीं किया. इस मामले में 18 प्रधानाध्यापक के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए विभाग ने पूर्व में ही प्राथमिकी दर्ज कराया.
वर्ष 2014-15 में 177 विद्यालयों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष के निर्माण के लिए प्रधानाध्यापकों को राशि का आवंटन विभाग के द्वारा किया गया.इनमें 90 प्रधानाध्यापकों ने विभिन्न कारणों से विभाग को राशि वापस कर दिया. शेष 87 प्रधानाध्यापक अब तक न तो विद्यालय में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कराया है. और न ही राशि को वापस कर समायोजन कराया है.
निदेशक के निर्देश के बाद हरकत मे आया विभाग
इस मामले में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक का पत्र आया है. परियोजना निदेशक गिरिवर दयाल सिंह के पत्र संख्या 7154 दिनांक 15 अक्तूबर 15 के आलोक में संबंधित विभाग के डीपीओ को स्पष्ट निर्देश दिया गया है.
इस पत्र के आलोक में प्राथमिक शिक्षा एवं एसएसए को निर्देश दिया गया है कि वे असैनिक कार्य मद में लंबित अग्रिम राशि के समायोजन के लिए संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को 31 अक्तूबर तक का समय दिया गया है.
इसके साथ ही संबंधित डीपीओ को सबसे पुराने गबन व अस्थायी गबन के मामलों को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है. ताकि निर्धारित समय सीमा के बाद दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा सके व पीडीआर एक्ट के तहत राशि की वसूली की कार्रवाई हो सके. इसके साथ ही वैसे प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का भी नर्देश दिया गया है.
वर्ष 2005-06 से लंबित है निर्माण कार्य
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2005-06 से 11-12 तक के ऐसे दस मामले हैं. जबकि वर्ष 2014-15 के 87 मामले हैं. इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि यदि 31 अक्तूबर तक अतिरिक्त वर्ग कक्ष निर्माण मद में आवंटित राशि का समायोजन उनके द्वारा नहीं किया जाता है तो दोषी प्रधानाध्यापकों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए राशि वसूल किये जाने की कार्रवाई की जायेगी.