अररिया : गांव के ही लोग जमशेद को प्रदेश कमाने ले गया. उत्तर प्रदेश के वाराणसी, फिर दिल्ली- पंजाब ले गया. उसकी सारी कमाई वे लोग ले लेते रहे
तो लोग उसे घर से ले गया था. जी नहीं भरा तो जमशेद के मद्रास में एक उद्योग में बेच डाला. यह घटना बौंसी थाना क्षेत्र के करेला गांव व जरीना खातून पति मो शमीम का है. लगभग सात वर्षो बाद जमशेद किसी तरह अपने घर आया. पुत्र को बरामद करने संघर्षरत मां जरीना खातून के आंखों से आंसू छलके.मगर खुशी का वह आंसू गम में बदल गया. जब आठ अगस्त को नामजद मो जावेद, मो हासिम, सलीम, मुर्शीद व दुखन ने जमशेद का अपहरण कर उसे गायब कर दिया. आहत मां थाना गयी.
दारोगा जी ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. पीड़ित मां ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. जरीना ने आवेदन में लिखी है कि पूर्व में इसी मसले को न्यायालय में वाद दायर किया था.
तत्कालीन एसपी के दबाव पर जमशेद को ला कर जदिया में छोड़ा गया था. फिर जमशेद का न्यायालय में बयान कराया गया जहां उसने अपने बयान में नामजदों पर बहला फुसला कर ले जाने व वहां बेच देने का आरोप लगाया है. पीड़ित मां जरीना खातून का मानना है कि न्यायालय में दिये गये बयान से आक्रोशित हो नामजदों ने जमशेद का अपहरण कर गायब कर दिया है. नामजदों पर प्राथमिकी दर्ज करने व जमशेद की बरामदगी को ले कार्रवाई करने का अनुरोध पीड़ित मां ने किया है.