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बाइक जांच में पुलिस नहीं करती माउथ-इन-हेलर का इस्तेमाल

नशापान कर वाहन चलानेवालों की होती है इससे पहचानप्रतिनिधि, अररियाजिले में अमूमन हर रोज मोटरसाइकिल जांच अभियान चलाया जाता है. जिला मुख्यालय के किसी न किसी मोड़ पर मोटरसाइकिल जांच करती पुलिस दिख जाती है. जांच के क्रम में बतौर अर्थ दंड से सरकारी खजाना भर जाता है. शायद उन्हें अपनी निर्धारित टारगेट की चिंता […]

नशापान कर वाहन चलानेवालों की होती है इससे पहचानप्रतिनिधि, अररियाजिले में अमूमन हर रोज मोटरसाइकिल जांच अभियान चलाया जाता है. जिला मुख्यालय के किसी न किसी मोड़ पर मोटरसाइकिल जांच करती पुलिस दिख जाती है. जांच के क्रम में बतौर अर्थ दंड से सरकारी खजाना भर जाता है. शायद उन्हें अपनी निर्धारित टारगेट की चिंता होती है. लेकिन नशापान कर या कोडिन युक्त ड्रग पी कर मदमस्त हो मोटरसाइकिल चलानेवालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. हाल के दिनों में टारगेट पूरा करने को ले पुलिस सक्रियता बढ़ी है. लेकिन नशा में मद मस्त मोटरसाइकिल सवार कहां दुर्घटना का शिकार हो अपनी जान गंवा बैठे. इसके बचाव के लिए पुलिस संवेदनशील नहीं नजर आती. वह भी तब नशापान कर मोटरसाइकिल-वाहन चलाने वालों की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय में माउथ-इन-हेलर जिला को महीनों पूर्व उपलब्ध कराया था. उपलब्धता के बाद तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने माउथ-इन-हेलर के माध्यम से जांच शुरू की थी. खबर व तसवीर अखबारों में छपी थी, लेकिन उसके बाद माउथ-इन-हेलर शायद पुलिस प्रशासन के उस कोठरी में डाल दिया गया जहां से अब निकलता ही नहीं है. संवेदनशील कहलाने वाली पुलिस इस मामले में उदासीन है. जबकि इस जांच से किसी की जिंदगी बच सकती है व सरकारी खजाना में आमदनी भी बढ़ सकती है. इस बाबत बातचीत के क्रम में मेजर महेश प्रसाद सिंह ने कहा कि माउथ-इन-हेलर ठीक से काम नहीं कर रहा था. इसको ले विभाग को सुचित किया गया है. उपलब्ध होते ही पुलिस उसका उपयोग करेगी.

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