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श्रद्धालुओं के साथ पुलिस ने की लूट

बंगाल के तरापीठ में हुई घटनामारपीट के साथ किया अमानवीय व्यवहार पीडि़त ने वीरभूम के एसपी व डीआइजी पूर्णिया को भेजा आवेदनफोटो:19- कथित पुलिस की बर्बरता के शिकार पवन सिंह प्रतिनिधि, अररिया सुरक्षा प्रदान करने वाली पुलिस ही जब लूट की घटना को अंजाम दे, मारपीट व अमानवीय व्यवहार करे, तो पुलिस से भरोसा टूटता […]

बंगाल के तरापीठ में हुई घटनामारपीट के साथ किया अमानवीय व्यवहार पीडि़त ने वीरभूम के एसपी व डीआइजी पूर्णिया को भेजा आवेदनफोटो:19- कथित पुलिस की बर्बरता के शिकार पवन सिंह प्रतिनिधि, अररिया सुरक्षा प्रदान करने वाली पुलिस ही जब लूट की घटना को अंजाम दे, मारपीट व अमानवीय व्यवहार करे, तो पुलिस से भरोसा टूटता है. ऐसा ही एक वाकया पश्चिम बंगाल के जिला वीरभूम के तारापीठ में हुआ. फारबिसगंज के मझुआ गांव निवासी पवन कुमार सिंह, नप फारबिसगंज के मुख्य पार्षद अनूप जायसवाल, डॉ अभिषेक कुमार सिंह, रण विजय कुमार, संजय केसरी, कृष्ण देव भगत, विकास यादव, ज्ञानेंद्र कुमार ज्ञान, ऋतु राज सिंह 20 वर्षों से पूजा-अर्चना को ले तारापीठ जाते रहे हैं. 17 जून को भी गये थे. संध्या सात बजे पूजा-अर्चना करते श्मशान भूमि पर गये तो पांच की संख्या में आये पुलिस बल गाली देते हुए जंगल की ओर ले जाने लगे. विरोध करने पर मारपीट करते हुए जेब से 25 हजार रुपये व सवा दो भर सोने का चेन छीन लिया. सभी सिविल में थे. पीडि़त पवन कुमार सिंह ने आवेदन में कहा है कि जबरन उन्हें तारापीठ ओपी में ले गया, जहां दो सादा कागज पर हस्ताक्षर कराने के बाद छोड़ दिया. इस क्रम में बिहारी कह कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता रहा. मंदिर के पुजारी संतोष मुखर्जी व रजत बाबा भी इस घटना से आहत नजर आये व बताया कि हाल के दिनों में इस तरह की घटना की सूचना बार-बार मिल रही है. पीडि़त ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल, प्रधान मंत्री भारत सरकार को भी फैक्स से आवेदन भेजने की जानकारी दी.

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