फारबिसगंज : मौसम में आये अचानक बदलाव व भीषण गरमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों सर्पदंश की घटना में बेतरतीब इजाफा हुआ है. गुरुवार की रात से शुक्रवार की दोपहर तक प्रखंड के विभिन्न स्थानों से सर्पदंश के शिकार पांच लोग अनुमंडलीय अस्पताल लाये गये. इसमें अस्पताल पहुंचते ही सर्पदंश की शिकार एक महिला की मौत हो गयी, जबकि चार लोगों का इलाज जारी है.
बताया जाता है कि सर्पदंश की शिकार 35 वर्षीय सुनीता देवी पति रामानंद सोनापुर को उसके परिजनों ने अस्पताल लाया, लेकिन जब तक दवा दी जाती, तब तक उसकी मौत हो गयी. वहीं सर्पदंश की शिकार 35 वर्षीय सोबिता देवी पति विनोद राय हसकोषा धमदाहा मटियारी की जान चिकित्सकों ने बचा ली.
सर्पदंश की शिकार 36 वर्षीय फूलो देवी पति फूलचंद हांसदा जोगबनी, 24 वर्षीय संजय कुमार ठाकुर पिता सुकदेव ठाकुर मझुआ, 14 वर्षीय संतोष कुमार पिता रंजय कुमार मटियारी का इलाज जारी है. बताया जाता है कि प्रतिदिन सर्पदंश के आठ से दस रोगी अनुमंडलीय अस्पताल में आ रहे हैं. सर्पदंश के बाद बरतें सावधानी अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सक डॉ हरि किशोर सिंह ने कहा कि सर्पदंश के शिकार होने पर सावधानी बरतनी चाहिए.
यदि सांप काटता है तो गांव में झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं पड़ें, बल्कि कपड़ा या रस्सी से काटे गये स्थान से ऊपर बांधे, ताकि विष ऊपर पहुंचने में समय लगे. और जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर इलाज करायें. रात में निकलते समय पांव में चप्पल पहनें व हाथ में टॉर्च या रोशनी रखें. सर्पदंश पीडि़त को इलाज के दौरान सोने नहीं दें.