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रहीम का नहीं मिला कोई सुराग

रहीम की तलाश में तमिलनाडु गयी थी फारबिसगंज पुलिस प्रतिनिधि, फारबिसगंज स्थानीय चौरा परवाहा निवासी मो मजेबुल के नाम-पता पर फर्जी कागजात के सहारे फर्जी पासपोर्ट बनवाने व बैंक खाता खुलवाने वाले बांग्लाभाषी रहीम को खोजने तमिलनाडु के तीरुपुर गयी फारबिसगंज पुलिस वापस लौट रही है. सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक पुलिस ने तीरुपुर कंधन […]

रहीम की तलाश में तमिलनाडु गयी थी फारबिसगंज पुलिस प्रतिनिधि, फारबिसगंज स्थानीय चौरा परवाहा निवासी मो मजेबुल के नाम-पता पर फर्जी कागजात के सहारे फर्जी पासपोर्ट बनवाने व बैंक खाता खुलवाने वाले बांग्लाभाषी रहीम को खोजने तमिलनाडु के तीरुपुर गयी फारबिसगंज पुलिस वापस लौट रही है. सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक पुलिस ने तीरुपुर कंधन नींड्स नामक स्पोर्ट गारमेंट फैक्टरी में जाकर रहीम के विषय में जानकारी प्राप्त की है. इसके मुताबिक आठ महीना पूर्व रहीम ने फैक्टरी में काम करना प्रारंभ किया था. एक माह पूर्व ही वह अवकाश पर चला गया. बताया जाता कि तमिलनाडु में पुलिस को रहीम या उसका कोई साथी तो नहीं मिला, लेकिन यह पता चला की रहीम चौबीस परगना पश्चिम बंगाल का रहने वाला है, जबकि फर्जी पासपोर्ट प्रकरण के मास्टर माइंड चौरा परवाहा निवासी मो अकबर ने अपने खुलासे में बांग्लाभाषी रहीम के विषय में बताया था कि वह संदेशपुर कोलकाता का रहने वाला है. अब लोगों के जेहन में रहीम के निवास को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. रहीम के बांग्लादेशी होने को लेकर भी लोगों का संदेह गहराने लगा है. बहरहाल पुलिस अब तमिलनाडु के बाद चौबीस परगना व कोलकाता जाने की तैयारी में है. दूसरी तरफ इंस्पेक्टर मो सफी उल्लाह के नेतृत्व में बनी पुलिस टीम ने 2015 में बने पासपोर्ट की पुन: जांच प्रक्रिया पूरी कर ली है.

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