हालांकि अधिकांश अधिकारियों ने ये जाहिर करने की भरपूर कोशिश की कि परिवाद पत्र को लेकर अधिकारी किसी प्रकार के दबाव में नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कमोबेश मंगलवार को दिन भर इसी विषय को लेकर मंथन होता रहा. परिवाद का एक दिलचस्प ये है कि जहां वरीय प्रशासनिक अधिकारियों पर परिवाद दायर किया गया है. वहीं अधिकांश बीडीओ व कुछ अधिकारियों का नाम गवाह सूची में दर्ज किया गया है. लिहाजा मंगलवार को वे अधिकारी भी कुछ परेशान से दिखे, जिनका नाम गवाहों की सूची में डाला गया है.
मंगलवार को आलम ये था कि केवल अधिकारी वर्ग ही नहीं, बल्कि समाहरणालय परिसर स्थित सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी भी इसी विषय पर बहस करते दिखे. वहीं बताया जाता है कि पूर्व बीडीओ की हालिया करतूत से आहत अधिकारियों ने पूर्व बीडीओ के खिलाफ पहले मिली शिकायतों व अनियमितताओं के आधार पर सरकार व संबंधित विभाग को विस्तृत रिपोर्ट भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.