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दीपक ने बढ़ाया पूर्णिया का मान
पूर्णिया : धमदाहा उवि के वर्ग नवम के छात्र दीपक ने पूर्वी भारत विज्ञान मेला में उत्कृष्ट पुरस्कार पाकर न सिर्फ विद्यालय का बल्कि पूर्णिया का भी मान बढ़ाया है. उन्हें यह पुरस्कार बाढ़ सूचक यंत्र के निर्माण को लेकर दियागया. इसका आयोजन 6 से 10 जनवरी को कोलकाता स्थित बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजी म्यूजियम […]
पूर्णिया : धमदाहा उवि के वर्ग नवम के छात्र दीपक ने पूर्वी भारत विज्ञान मेला में उत्कृष्ट पुरस्कार पाकर न सिर्फ विद्यालय का बल्कि पूर्णिया का भी मान बढ़ाया है. उन्हें यह पुरस्कार बाढ़ सूचक यंत्र के निर्माण को लेकर दियागया. इसका आयोजन 6 से 10 जनवरी को कोलकाता स्थित बिरला इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजी म्यूजियम में किया गया था.
इसमें 12 प्रदेशों से आये बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया और अपने प्रदर्शन को प्रयोग करके दिखाया. इस विज्ञान मेला में पूर्णिया प्रमंडल के तीन विद्यालय से चार छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया. इसमें धमदाहा उवि से दीपक औरराजा, इंटर उवि किशनगंज से माहिन रेजा और ली एकेडमी फारबिसगंज से निशा भारती शामिल हुए.
इसमें धमदाहा उवि के दीपक को उत्कृष्ट पुरस्कार कोलकाता विवि के प्रो वीसी प्रो डी चटोपाध्याय ने दिया. इस दौरान उनके साथ विद्यालय के विज्ञान और मार्गदर्शक शिक्षक संतोष कुमार भी मौजूद थे.
रसायन शास्त्र में करना चाहता है शोध
इसके पूर्व घरारी निवासी दिलीप यादव के पुत्र दीपक ने जिला स्कूल में 16 अक्तूबर को आयोजित 42 वीं जवाहर लाल नेहरू विज्ञान व पर्यावरण प्रदर्शनी में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. वहीं पटना स्थित एनएन सिन्हा संस्थान में आयोजित राज्यस्तरीय आयोजन में भी प्रथम आया था. इसके बाद उसका चयन पूर्वी भारत विज्ञान मेला के लिए किया गया था. किसान परिवार से आनेवाले दीपक ने बताया कि उसकी रुचि रसायन शास्त्र में है.
वह आगे चलकर इसमें शोध करना चाहता है. मार्गदर्शक शिक्षक संतोष कुमार ने बताया कि छात्र दीपक का विज्ञान विषयों के प्रति लगाव और नयी-नयी चीजों पर शोध के कारण ही इस मुकाम को हासिल कर सका है. दीपक को मिले इस पुरस्कार पर आरडीडीइ डा चंद्र प्रकाश झा और डीइओ मो हारून ने बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है. वहीं मार्गदर्शक शिक्षक संतोष कुमार के कार्यो की भी सराहना की और उनसे आगे भी अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करने की उम्मीद जतायी.
क्या है बाढ़ सूचक यंत्र
बाढ़ सूचक यंत्र से बाढ़ के दौरान लोगों को जान-माल की क्षति से बचाया जा सकता है. इस यंत्र में तीन बल्ब और एक बजर्र का उपयोग किया गया था. इस यंत्र में लगी लाइट के माध्यम से बाढ़ की स्थिति को दर्शाया गया. इस कड़ी में बाढ़ की सामान्य स्थिति रहने पर सफेद बल्ब, बाढ़ शुरू होने पर हरा बल्ब और बाढ़ की स्थिति नियंत्रण से बाहर जाने पर लाल बल्ब जलने लगता है साथ ही बजर्र भी बजता है.
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