जल जीवन हरियाली यात्रा का तीसरा चरण : सीएम के आगमन की तैयारी में जुटा प्रशासन

अररिया : जल जीवन हरियाली यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री के जिला आगमन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोर पकड़ने लगा है. यात्रा के क्रम में अररिया पहुंचने पर मुख्यमंत्री द्वारा जल जीवन हरियाली योजना की जिले में प्रगति के साथ-साथ विभिन्न विभागीय कार्यों की समीक्षा की संभावना को देखते हुए इसके लिये जरूरी प्रशासनिक प्रयास […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 5, 2019 9:16 AM

अररिया : जल जीवन हरियाली यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री के जिला आगमन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोर पकड़ने लगा है. यात्रा के क्रम में अररिया पहुंचने पर मुख्यमंत्री द्वारा जल जीवन हरियाली योजना की जिले में प्रगति के साथ-साथ विभिन्न विभागीय कार्यों की समीक्षा की संभावना को देखते हुए इसके लिये जरूरी प्रशासनिक प्रयास तेज हो चुका है.

उम्मीद की जा रही कि मुख्यमंत्री इस क्रम में जल जीवन हरियाली योजना के तहत सरकारी जलस्त्रोतों के जीर्णोधार कार्य का निरीक्षण कर सकते हैं. इसे लेकर बुधवार को जिलाधिकारी, सदर एसडीओ सहित संबंधित अन्य अधिकारियों ने अररिया, रानीगंज व भरगामा प्रखंड स्थिति विभिन्न सरकारी जलस्त्रोतों का निरीक्षण किया.
ताकि मुख्यमंत्री के निरीक्षण के लिये इसे उपलब्ध कराया जा सके. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जिला आगमन के संभावित कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों का जिक्र करते हुए डीडीसी इनामुल हक अंसारी ने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना के प्रगति की समीक्षा व इसका निरीक्षण मुख्यमंत्री के यात्रा का मुख्य उद्देश्य है.
पंचायतों में दो-दो हजार पौधे लगाने का लक्ष्य
जल जीवन हरियाली योजना के तहत जिले की सभी पंचायतों में दो हजार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित है. इसके लिये स्थल चयन की प्रक्रिया चल रही है. साथ ही कहां कौन सा पेड़ लगाया जाना है. यह भी निर्धारित किया जा रहा है. ताकि लगाये जाने वाले पौधे से संबंधित डिमांड वन विभाग को उपलब्ध कराया जा सके.
अगर डिमांड के अनुरूप वन विभाग के पास पर्याप्त संख्या में पौधे उपलब्ध नहीं हों तो फिर प्राइवेट नर्सरी से खरीद कर वन विभाग जिला ग्रामीण विकास विभाग को पौधा उपलब्ध करायेगा. उन्होंने कहा कि जिले में कुल तीन सौ सरकारी जलस्त्रोत चिह्नित किये गये हैं. योजना के तहत इसके जीर्णोधार का कार्य संपादित किया जाना है.
ऐसे कई जलस्त्रोत हैं. जिसकी जमीन पर फिलहाल अतिक्रमण कारियों का कब्जा है. जिला प्रशासन ने ऐसे जलस्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये सभी अंचलाधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किये हैं. आपसी बातचीत के आधार पर अतिक्रमण मुक्ति का प्रयास असफल होने की स्थिति में ऐसे मामलों को लेकर संबंधित पक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया गया है.
इसमें एक एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैले सार्वजनिक पोखरों का जीर्णोधार लघु जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जायेगा. एक एकड़ से कम क्षेत्रफल में फैले सार्वजनिक पोखरों का जीर्णोधार मनरेगा के तहत होना है. एक एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल में फैले लगभग 44 पोखर व तालाबों के जीर्णोधार की पहल लघु जल संसाधन विभाग द्वारा शुरू की जा चुकी है.
मनरेगा के तहत अब तक एक भी सार्वजनिक पोखर व तालाब का मरम्मत नहीं हो सका है. सार्वजनिक जलाशयों में फिलहाल पानी की अधिकता के कारण कार्यारंभ करने में फिलहाल दिक्कतें आ रही है. संभवत: मार्च के बाद जलस्त्रोतों में पानी का स्तर कम होने के बाद मनरेगा के तहत भी जीर्णोधार का कार्य आरंभ कराया जा सकेगा.

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