शहरी क्षेत्रों में अवस्थित तालाब, कुएं व पेयजल स्रोतों का होगा जीर्णोद्धार

अररिया : जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत शहरी निकायों में अवस्थित सरकारी पोखर, तालाब को भौतिक सत्यापन व अतिक्रमणमुक्त किये जाने का निर्देश नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के द्वारा दिया गया है. दिये गये निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि शहरी निकाय क्षेत्रों में अवस्थित सरकारी पोखर, तालाबों का उड़ाही, कुआं का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 8:38 AM

अररिया : जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत शहरी निकायों में अवस्थित सरकारी पोखर, तालाब को भौतिक सत्यापन व अतिक्रमणमुक्त किये जाने का निर्देश नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के द्वारा दिया गया है. दिये गये निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि शहरी निकाय क्षेत्रों में अवस्थित सरकारी पोखर, तालाबों का उड़ाही, कुआं का जीर्णोद्धार कार्य किये जाने को लेकर सर्वेक्षण के बाद प्राक्कलन तैयार कर जीर्णोद्धार के कार्यों को त्वरित रूप से निष्पादित किया जाए. साथ ही नप के अधीन सरकारी भवन व नप क्षेत्र में अवस्थित चापाकल को दुरस्त कर पेयजल स्त्रोतों के नजदीक वर्षा जल संभरण प्रणाली को विकसित करने का निर्देश दिया गया है.

दिये गये निर्देश के आलोक में नगर परिषद के कनीय अभियंता के द्वारा सरकारी पोखर व तालाबों का सर्वे कर लिया गया है. जबकि 25 हजार से कम लागत वाले जीर्णोद्धार के कार्यों को शुरू कर दिये जाने की जानकारी मिल रही है. साथ ही इससे बड़े लागत वाले जीर्णोद्धार के कार्यों के लिए प्राक्कलन तैयार कर निविदा निकाले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दिये जाने की जानकारी मिली है.
जल संरक्षण की दिशा में इस प्रकार के प्रयास साबित होंगे मील के पत्थर जल संरक्षण की दिशा में सरकार के ऐसे प्रयासों की सराहना बुद्धीजीवियों के द्वारा की जा रही है. बड़ी बात तो यह है कि नप क्षेत्र में ऐसा पहली बार देखा जायेगा कि यहां पर वर्षा जल संभरण प्रणाली को विकसित कर वर्षा जल को संरक्षित किया जायेगा.
यही नहीं धरती के अंदर पानी की लगातार कम हो रही मात्रा को भी पूरा करने का प्रयास लाजवाब रहेगा. नप क्षेत्र में अवस्थित चापाकलों को दुरूस्त कर वहां सोख्ता का निर्माण किया जायेगा. जिससे पेयजल का संरक्षण संभव हो पायेगा. पूरे बिहार में जल जीवन हरियाली के माध्यम से सरकार लोगों को जागरूक करने की दिशा में सराहनीय प्रयास कर रहा है.
इसको लेकर प्रशासनिक महकमा भी फौरी तौर पर लगा हुआ है. डीएम बैद्यानाथ यादव इस अभियान में खास रुचि ले रहे हैं. इससे यह दर्शाता है कि प्रशासन सरकार के इस मुहिम को लेकर काफी संवेदनशील है.
एक तालाब, 11 कुओं का होगा जीर्णोद्धार, तीन सरकारी भवनों में विकसित किये जायेंगे वर्षा जल संभरण प्रणाली : नगर परिषद द्वारा कराये गये सर्वे में अब तक वार्डों में चापाकल की स्थिति व नप क्षेत्र में अवस्थित सरकारी तलाबों का पता लगा लिया गया है. जिनके जीर्णोद्धार के प्रयार शुरू भी कर दिये गये हैं. नप सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड संख्या 07 स्थित प्रखंड मुख्यालय के पीछे सरकारी तालाब का जीर्णोद्धार किया जायेगा.
वहीं नप क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में अवस्थित लगभग 50 चापाकल को पुर्नजीवित किया जायेगा.
हालांकि सर्वे के क्रम में यह भी पाया गया कि पीएचईडी द्वारा लगाये गये चापाकल समय से पूर्व ही खराब हो चुके हैं. जिन्हें अब दुरूस्त करने की कवायद की जायेगी. इधर विभिन्न वार्डों में 11 ऐसे सार्वजनिक कुआं की खोज की गयी है जिनका जीर्णोद्धार किया जायेगा. वहीं नप अधीन तीन सरकारी भवन सम्राट अशोक भवन, रेन बेसरा व नप कार्यालय में जल संरक्षण को लेकर वर्षा जल संभरण प्रणाली का निर्माण कराया जायेगा.
जल्द ही नप क्षेत्र में दिखेगा जल-जीवन हरयाली का कार्य
छोटे-छोटे काम जो 25 हजार रुपये से कम के लागत है उनके जीर्णोद्धार कार्य सीधे तौर पर शुरू कर दिया गया है. जबकि अधिक राशि के कार्यों के लिए प्राक्कलन तैयार कर निविदा की तैयारी की जा रही है. जल्द ही नप क्षेत्र में अवस्थित पोखर व कुआं का जीर्णोद्धार कर पेयजल के स्त्रोतों के नजदीक वर्षा जल संभरण प्रणाली को विकसित करने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
दीनानाथ सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी
जल संरक्षण की दिशा में चलाया जायेगा जागरूकता अभियान
जल संरक्षण को लेकर नगर विकास विभाग के द्वारा महत्वपूर्ण निर्देश दिये गये हैं. सर्वे कर काम शुरू भी कर दिया गया है. जल संरक्षण की दिशा में नगर विकास विभाग का प्रयास सराहनीय है. नगर परिषद क्षेत्र में भी लोग जल के महत्व को समझें, इसके लिए नपवासियों को जागरूकन करने की दिशा में जल्द ही जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.
रीतेश कुमार राय, मुख्य पार्षद

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