अररियाः जिले में बचे हुए आंगनबाड़ी व मनरेगा भवन के लिए एक सप्ताह में सरकारी जमीन ढूंढ़ने का टास्क डीएम व डीडीसी ने प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को दिया है़ शुक्रवार की बैठक में ऐसा निर्देश देते हुए वरीय अधिकारियों ने कहा कि 18 मई तक इसकी रिपोर्ट जिला कार्यालय पहुंच जानी चाहिए़ जमीन नहीं मिलने की सूरत में संबंधित अंचलाधिकारी को इस बात की लिखित रिपोर्ट देनी होगी कि और अधिक सरकारी जमीन पंचायत में उपलब्ध नहीं है़.
गौरतलब है कि भूमि उपलब्धता में हो रही कथित दिक्कत की आड़ में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बनने वाले भवन व मनरेगा भवन निर्माण में अनावश्यक विलंब हो रहा है़ इसी समस्या के समाधान के लिए शुक्रवार को डीआरडीए सभा भवन में बैठक का आयेजन किया गया था़.
बैठक में दिये गये निर्देशों की जानकारी देते हुए डीडीसी अरशद अजीज ने बताया कि बैठक के दौरान अंचलाधिकारियों, सीडीपीओ व मनरेगा के पीओ से बात कर समस्या के समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिये गय़े. अंचलाधिकारियों को सीडीपीओ व पीओ से समन्वय स्थापित कर आवश्यकता के अनुसार भूमि ढूंढ़ने का जिम्मा सौंपा गया़.
बताया गया कि 13वीं वित्त की राशि से आंगनबाड़ी के लिए भवन बनाना प्राथमिकता है़ लिहाजा प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि इस मद की राशि से तब तक कोई अन्य योजना लेने की इजाजत नहीं दी जाये जब तक ये सुनिश्चित नहीं हो जाता कि आंगनबाड़ी भवन के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है़. अगर ऐसा किया गया है तो कार्रवाई की जाय़े . डीडीसी ने बताया कि फिलहाल 156 मनरेगा भवन निर्माण का प्रस्ताव है़.
सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को अविलंब मनरेगा भवन का निर्माण कार्य शुरू करने की सख्त हिदायत दी गयी़ यह भी बताया गया कि दी गयी राशि से मनरेगा भवन, शौचालय, बांध व सड़क मरम्मत ही कराने का निर्देश है़ इस राशि से किसी भी सूरत में पुरानी देनदारी का भुगतान नहीं किया जा सकता है़ वैसे भुगतान के लिए अलग से डिमांड भेजने का निर्देश दिया गया है़.
बैठक में डीएम अजय कुमार चौधरी, डीआरडीए निदेशक मनोज कुमार झा, सदर एसडीओ संजय कुमार, वरीय उप समाहर्ता वारिस खान, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी कपिल कुमार के अलावा सभी बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ व मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी भी उपस्थित थ़े.