सीतामढ़ीः समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके ग्यारह नक्सलियों ने वादे पूरे नहीं होने पर फिर से हथियार उठाने की धमकी दी है. इनका कहना है, 23 मई 2010 को जब इन लोगों ने हथियार डाले थे, तब प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से सरकारी नीति के मुताबिक वादे किये गये थे, लेकिन समर्पण के चार साल बीत जाने के बाद भी इन लोगों को वादों के मुताबिक मदद नहीं मिली है, जबकि ये लोग बीडीओ से लेकर डीएम तक लगातार गुहार लगाते रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर इन लोगों ने अब डीएम से लेकर राष्ट्रपति तक को चिट्ठी लिखी है.
23 मई 2010 को जिले के नानपुर प्रखंड के दस नक्सलियों ने दरभंगा में तत्कालीन दरभंगा एसपी एमआर नायक के सामने हथियार डाले थे. उस समय इन लोगों ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की संकल्प लिया था. अधिकारियों ने तब इन लोगों से आवास, रोजगार, भूमि व मासिक खर्च दिलवाने का वादा किया था. ये सभी चीजें सरकार की समर्पण नीति में भी शामिल हैं. समर्पण के बाद इन लोगों को केवल इंदिरा आवास का लाभ मिला. बाकी, सुविधाओं के लिए इन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है.
2011 में इन लोगों ने डीएम के जनता दरबार में इसको लेकर गुहार लगायी थी, तब भी आश्वासन मिला था, लेकिन सहायता नहीं मिली. इसके बाद 30 अगस्त 2012 को फिर से डीएम को रोजगार मुहैय्या कराने के लिए आवेदन दिया. उस आवेदन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. समर्पण कर चुके नक्सलियों का कहना है, वादे के मुताबिक प्रशासन की ओर से मदद नहीं मिली, जिससे हम लोगों को परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है. हम लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. हमसे जो वादा किया गया था, उसे पूरा नहीं किया जा रहा है, जबकि अन्य जिलों में समर्पण करनेवाले नक्सलियों को सुविधाएं मिल रही हैं.
समर्पण करनेवाले नक्सलियों का कहना है, उन लोगों को सामाजिक रूप से भी उपेक्षा का दंश ङोलना पड़ रहा है. इस वजह से जीवन-यापन मुश्किल हो गया है. प्रशासन को शीघ्र हम लोगों के लिए कुछ करना चाहिए.