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एडमिट कार्ड पर बिंदी लगा उत्तर की कोडिंग कर की जाती थी सेटिंग

पटना : एसएससी एमटीएस की परीक्षा के साथ ही अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में एडमिट कार्ड पर दिये गये निर्देश के ऊपर ही बिंदी लगाकर प्रश्नों के उत्तर की कोडिंग कर सेटिंग की जाती थी. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में ज्यादा खतरा होने के कारण सेटरों ने नया तरीका ईजाद किया था. इसका उपयोग कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में […]

पटना : एसएससी एमटीएस की परीक्षा के साथ ही अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में एडमिट कार्ड पर दिये गये निर्देश के ऊपर ही बिंदी लगाकर प्रश्नों के उत्तर की कोडिंग कर सेटिंग की जाती थी. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में ज्यादा खतरा होने के कारण सेटरों ने नया तरीका ईजाद किया था.
इसका उपयोग कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में किया गयाथा. यह खुलासा पुलिस के समक्ष पकड़े गये सेटर गिरोह के मास्टरमाइंड मनीष कुमार (नालंदा निवासी) ने किया है.
रोल नंबर के आधार पर कैलकुलेशन कर निकालते हैं प्रश्नों का सेट : यह गिरोह इतना शातिर है कि इसने एक नया तरीका ईजाद कर लिया है. ये लोग रोल नंबर के अंतिम दो अंकों को जोड़ कर दो से भाग देने के बाद यह जानकारी प्राप्त कर लेते थे कि किस परीक्षार्थी को कौन सा प्रश्नपत्र का सेट मिलेगा. इसके बाद ऑन लाइन एडमिट कार्ड को निकाला जाता है.
उक्त एडमिट कार्ड के दूसरे पन्ने पर परीक्षा के समय क्या करना है, इसके लिए 18 से 20 निर्देश होते हैं. एक निर्देश में करीब दस से पंद्रह वर्ड होते हैं. एक वर्ड में चार या पांच अल्फाबेट होते हैं. इन वर्ड पर ही सारी सेटिंग होती है. मसलन अगर किसी को पेपर डी का प्रश्नपत्र मिलना है, तो फिर हर वर्ड के हर अल्फाबेट के ऊपर बिंदी लगायी जाती है.
मसलन अगर चार अल्फाबेट का एक वर्ड है और पहले प्रश्न का उत्तर ए है, तो उक्त वर्ड के पहले अल्फाबेट के ऊपर हल्की से बिंदी लगा दी जाती है. अगर दूसरे प्रश्न का उत्तर बी है तो दूसरे वर्ड के सेकेंड अल्फाबेट के ऊपर बिंदी लगायी जाती है. इस प्रकार उत्तर अंकित कर दिया जाता है और उक्त एडमिट कार्ड को लेकर छात्र परीक्षा हॉल के अंदर प्रवेश कर जाते हैं. एडमिट कार्ड पर अंकित बिंदी को कोई पकड़ नहीं पाता है और परीक्षार्थी आसानी से परीक्षा देकर बाहर निकल आते हैं. अगर प्रश्नपत्र पहले नहीं मिलता है, तो परीक्षा के आधा घंटा पूर्व मैग्नेटिक डिवाइस आदि की मदद से सेटिंग की जाती है.
पूरी सेटिंग तक सक्रिय रहता है गिरोह
परीक्षा खत्म होने तक सेटर लगे रहते हैं और ये कई ग्रुप में रहते हैं. अगर एक
ग्रुप पकड़ा भी गया तो भी दूसरा ग्रुप अपना काम करता रहता है और पकड़े गये ग्रुप के उम्मीदवारों की भी मदद करने लगता है. पुलिस जब तक दूसरे ग्रुप तक पहुंचने का प्रयास करती है, तब तक परीक्षा समाप्त हो जाती है और उक्त सेटर भी भूमिगत हो जाते हैं.
अमिताभ गुरू का भी नाम आया सामने : प्रतियोगिता परीक्षाओं में सेटिंग करने वाले कई गुरू है. संजीव गुरू, अमिताभ गुरू, चंदन गुरू, अतुल रंजन की तलाश पटना पुलिस को है. इन सभी के नाम कई प्रतियोगिता परीक्षाओं की सेटिंग में आ चुका है. संजीव गुरू का बेटा व पीएमसीएच छात्र शिव कुमार जेल में है. जबकि चंदन गुरू व अतुल अभी फरार हैं. इन सभी के नाम बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक में भी सामने आये थे और जैसे-जैसे अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में सेटिंग की बात सामने आ रही है, उसमें भी ये लोग शामिल पाये जा रहे हैं.
मनीष को रिमांड पर लेकर पुलिस करेगी पूछताछ
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पूछताछ में मनीष ने एडमिट कार्ड पर सेटिंग करने की जानकारी दी है. मनीष व अन्य को जेल भेज दिया गया है. मनीष को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. एसएसपी ने बताया कि हरियाणा से सेटिंग होने के संबंध में काफी जानकारी हाथ लगी है. पटना पुलिस की एक टीम वहां भेजी जा रही है. कई लोगों के नाम सामने आये हैं. इस मामले में दिल्ली व हरियाणा पुलिस की भी मदद ली जा रही है.
बिहार पुलिस के चालक पद पर भरती के नाम पर की कइयों से ठगी मनीष इतना शातिर है कि इसने बिहार पुलिस के चालक पद पर भरती के नाम पर कई लोगों से ठगी की है. इसकी मंशा यह रहती थी कि अगर काम हो तो भी ठीक है और नहीं हो तो भी यह किसी प्रकार की भरती के लिए पैसों की उगाही कर लेता था. लोग इससे जब पैसे मांगते थे, तो यह टालमटोल करता था और अब तक कई लोगों के लाखों रुपयों का गबन कर चुका है.

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