आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर की रोड़ेबाजी, वज्रवाहन को किया आग के हवाले
बहेड़ी (दरभंगा) : बहेड़ी थाने के हावीडीह गांव में विवादित जमीन पर शव दफनाने को लेकर दो गुटों के बीच हुए तनाव ने सोमवार को उग्र रूप ले लिया. आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर रोड़ेबाजी की व वज्रवाहन को आग के हवाले कर दिया. स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया व अश्रु गैस के गोले दागे.
इसी बीच एसडीओ के बॉडीगार्ड ने अपनी कारबाइन से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इससे लोग जान बचा कर इधर-उधर भागने लगे. गोली लगने से एक महादलित युवक की मौत हो गयी व तीन लोग घायल हो गये. घायलों का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है. भगदड़ में भी दो दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है. पुलिस ने मृतक विजय राम (21) के शव को कब्जे में लेकर आनन-फानन में पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया. स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह व एसएसपी सत्यवीर सिंह घटनास्थल पर कैंप किये हुए हैं. पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
जमीन को लेकर दोनों गुटों में अरसे से चल रहा था विवाद
जमीन को लेकर दोनों गुटों में अरसे से विवाद चल रहा है. एक गुट इसे भूदान में मिली जमीन बता रहा है, तो दूसरा इसे कब्रिस्तान का जमीन बता रहा है. इसी बीच रविवार को राइन समाज के अली हसन (70) की मृत्यु हो गयी. लोग अली हसन के शव को उसी जमीन पर दफनाने पहुंचे. दलित समुदाय के लोगों ने शव दफनाने से रोक दिया. घटना की जानकारी होने पर पुलिस वहां पहुंची, लेकिन सुलह नहीं हो पाया. रात होने पर पुलिस लौट गयी.
अली हसन का जनाजा भी वहीं पड़ा रहा. इस बीच सोमवार की सुबह भारी पुलिसिया बंदोबस्त के बीच शव दफनाने की कोशिश की गयी. विवाद बढ़ने पर डीएम व एसएसपी भी घटनास्थल पर पहुंचे. दोनों पदाधिकारी विवाद सलटाने का प्रयास कर ही रहे थे कि दूसरे गुट के लोग उग्र हो कब्रिस्तान की ओर बढ़ने लगे. लोगों को कब्रिस्तान की ओर आने से पुलिस ने मना किया. इस पर लोगों ने रोड़ेबाजी शुरू कर दी. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि लोग आक्रोशित होकर हो-हंगामा जरूर कर रहे थे, पथराव नहीं किया जा रहा था. लोगों का कहना है कि इसी बीच एसडीओ ने अपने बॉडीगार्ड को फायर का आदेश दे दिया. एसडीओ के आदेश पर बॉडीगार्ड ने भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग की. इसमें एक की मौत हो गयी, वहीं तीन घायल हो गये.
कब्रिस्तान के बाहर की जमीन पर विवाद को लेकर शव दफनाने से रोका गया. दोनों गुटों के साथ बैठक कर विवाद को सुलझाया जा रहा था. इसी बीच महादलित समुदाय के छह-सात सौ लोगों ने रोड़ेबाजी शुरू कर दी. स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पहले लाठीचार्ज किया गया, फिर आंसू गैस छोड़े गये. इसी बीच एक रोड़ा सदर एसडीओ के बॉडीगार्ड को लग गया.
इसके बाद बॉडीगार्ड ने बिना किसी के आदेश पर कारबाइन से ब्रस्ट फायर कर दिया. रैपिड फायर में 25 राउंड गोली चल गयी. इसमें एक युवक की मौत हो गयी, जबकि दो बच्चे व एक महिला को गोली लगने से जख्मी हो गयी है. मृतक के परिजन को 11 लाख रुपये तथा उसकी विधवा को प्रतिमाह 11 हजार रुपये सहायता राशि दी जायेगी.
