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पटना में भी हो रही है आइपीएल में सट्टेबाजी

दिल्ली और मुंबई के तर्ज पर अंजाम गौरीचक बाजार के समीप मार्केट में प्रोपर्टी डीलर के कार्यालय में पकड़े गये चार सट्टेबाज जीतनेवाले को मिलती थी तीन गुनी राशि पटना : दिल्ली और मुंबई के तर्ज पर पटना में भी आइपीएल मैचों की सट्टेबाजी हो रही है. गौरीचक थाने के समीप लोहा सिंह मार्केट में […]

दिल्ली और मुंबई के तर्ज पर अंजाम
गौरीचक बाजार के समीप मार्केट में प्रोपर्टी डीलर के कार्यालय में पकड़े गये चार सट्टेबाज
जीतनेवाले को मिलती थी तीन गुनी राशि
पटना : दिल्ली और मुंबई के तर्ज पर पटना में भी आइपीएल मैचों की सट्टेबाजी हो रही है. गौरीचक थाने के समीप लोहा सिंह मार्केट में फतेहपुर निवासी निर्भय सिंह, रणधीर सिंह, राजू सिंह और कमरजी निवासी अशोक सिंह को गिरफ्तार करने के बाद यह खुलासा हुआ है. पुलिस टीम ने इनके पास से सट्टेबाजी का एक लाख बावन हजार नगद समेत सात मोबाइल फोन भी बरामद किया है. सूत्रों का कहना है कि पटना के कई अन्य इलाकों में भी जम कर सट्टेबाजी हो रही है. खास बात यह है कि पकड़ा गया निर्भय सिंह प्रोपर्टी डीलर है और उसके कार्यालय में ही सट्टेबाजी हो रही थी. पुलिस वहां पहुंची तो टीवी पर आइपीएल मैच चल रहा था और सट्टेबाजी हो रही थी. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पकड़े गये चारों सट्टेबाज हैं. इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है और डेढ़ लाख नकद व सात मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं.
पांच से 10 लाख का लगता है प्रतिदिन दावं : सट्टेबाजों के पास से बरामद नोट्स से पुलिस को जानकारी मिली है कि प्रतिदिन पांच से 10 लाख रुपयों का दावं लगाया जाता था. एक व्यक्ति पांच से दस हजार का दावं लगाते थे. जीतने पर उन्हें लगाये गये मूल पैसों का तीन गुना मिलता था. नोट्स में आइपीएल मैच शुरू होने से लेकर अब तक की हुई सट्टेबाजी के हिसाब-किताब मिले हैं. साथ ही किन-किन बिंदुओं पर सट्टेबाजी हुई है, सारी डिटेल हैं.
कैसे करते थे सट्टेबाजी : पुलिस सूत्रों के अनुसार ये लोग सट्टेबाजी में शामिल होने वाले लोगों की लिस्ट बनाते थे और उनके नाम नोट्स में अंकित करते थे. इन सभी लोगों को निश्चित स्थान और निश्चित समय पर बुलाया जाता था. यह भी ध्यान रखा जाता था कि किसी को भनक भी न लगे. लोगों को निर्भय सिंह के प्राेपर्टी डीलर के ऑफिस में ही बुलाया जाता था. यहां खाने-पीने से लेकर टीवी की व्यवस्था रहती थी.
सूत्रों के अनुसार सट्टेबाजी के तार दुबई से जुड़े हैं. दुबई से ही सट्टेबाजी का संचालन होता है. अहमदाबाद के बुकी (सट्टा खेलाने वाला) दुबई से जुड़ा होता है और उसके नीचे कई बुकी होते हैं, जो पूरे शहर में लोगों को जोड़ कर सट्टेबाजी कराते हैं. अहमदाबाद से मुंबई के बुकी जुड़े होते हैं.
दुबई से ही सारा निर्देश आता है. सारा काम मोबाइल फोन के माध्यम से होता है और कैश पेमेंट हाथ से होता है. किसी प्रकार का एकाउंट का प्रयोग नहीं किया जाता है. इसके अलावा कोई भी सट्टेबाजी के स्थान पर जमा नहीं होता है. सारा काम विश्वास पर होता है. बुकी फोन की रिकॉर्डिंग कर लेता है, ताकि वह बाद में नहीं मुकरे. जिन लोगोें को सट्टेबाजी खेलनी होती है उन्हें एक विशेष मोबाइल नंबर दिया जाता है और दस हजार की रजिस्ट्रेशन फीस भी जमा करायी जाती है.
किन-किन बिंदुओं पर होती है सट्टेबाजी
मैच शुरू होने के पहले टॉस जीतने और हारने पर लगता है दावं (कौन टीम टॉस जीतेगी या हारेगी)
मैच के प्रथम पांच ओवर में बनेंगे कितने रन
अमुक बॉल पर चौका या छक्का
कितने ओवर में कितने विकेट गिरेंगे
कौन मैच जीतेगा
स्थिति के अनुसार बिंदु भी बदलते हैं. (मसलन निर्णायक स्थिति में अगर एक टीम को पांच ओवर में पचास रन की आवश्यकता है, तो इस बात पर दावं लगेगा कि तो वह रन बनेंगे या नहीं)
कौन सा बैट्स मैन शतक बनायेगा या अर्धशतक
कौन सा बॉलर कितने विकेट लेगा

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