मीसा भारती का आरोप, मैं नहीं रामकृपाल कर रहे हैं नौटंकी
रामकृपाल को लालू की दो टूक बीच रेस में घोड़े नहीं बदलूंगा
पटना/नयी दिल्ली : राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी रामकृपाल यादव ने पाटलीपुत्र लोकसभा सीट से टिकट न दिये जाने की वजह से आज राजद के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया लेकिन कहा कि वह अभी भी पार्टी में हैं.
दो दिन पहले राजद ने प्रत्याशियों की घोषणा की थी जिसमें पाटलीपुत्र लोकसभा सीट से लालू की पुत्री मीसा भारती को उम्मीदवार बनाया गया है. उसी समय रामकृपाल ने पार्टी प्रमुख की इस बात पर आपत्ति जतायी थी कि उन्होंने (यादव ने) पाटलीपुत्र सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर नहीं की थी.
मीसा कल यादव को मनाने और समझाने के लिए उनके घर गयी और पांच घंटे तक वहां रही थीं. इस बारे में यादव ने कहा कि यह इमोशनल ब्लैकमेल की एक कोशिश थी.
यादव फिलहाल राज्यसभा के सदस्य हैं और पटना से वह तीन बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि वह अब भी पार्टी में हैं और उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है.
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए गठित की गई पार्टी की दिलचस्पी अब पारिवारिक न्याय में प्रतीत होती है.
उन्होंने कहा कि कल मेरी बेटी मीसा भारती मेरे घर आयी थीं और कहा था कि वहपाटलीपुत्रसीट से चुनाव नहीं लडेंगी और मेरे लिए प्रचार करेंगी. मैं उसके आग्रह को ठुकरा नहीं सका. लेकिन आज राष्ट्रीय अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा कि रेस में घोडा नहीं बदला जा सकता. मैंने उनसे काफी नहीं कहा था कि रेस का घोडा बदला जाये.
अब मुझे ऐसा लग रहा है कि कल जो मेरी बेटी मीसा भारती मेरे घर पर आयीं थीं, वह मेरे साथ इमोशनल अत्याचार था. इसलिए आक्रोश में नहीं बल्कि आहत होकर मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. संवाददाता सम्मेलन में रामकृपाल यादव भावुक हो गये और रो पडे. उन्होंने कहा कि अभी मैंने पार्टी छोडने का निर्णय लिया है.
पाटलीपुत्र लोकसभा सीट से टिकट न मिलने पर रामकृपाल यादव के नाराज होने की खबरों के बाद लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती उनसे मिलने के लिए दिल्ली आयी थीं.
यादव ने संवाददाताओं को बताया पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं के साथ मेरा गहरा जुड़ाव है. मुझे लगता है कि जिस तरह मीसा कल मेरे पास आयीं वह या तो इमोशनल अत्याचार है या मेरे जैसे सीधे-सादे व्यक्ति के खिलाफ किया गया राजनीतिक स्टंट. उन्होंने कहा कि उन्होंने भरे दिल से इस्तीफा देने का निर्णय किया और उनके लिखित इस्तीफे में यह बात साफ होगी.
बहरहाल, वह किसी अन्य दल में शामिल होने या लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना के बारे में कुछ भी कहने से बचे। उन्होंने सिर्फ इतना कहा अन्य फैसले बाद में किये जायेंगे. यादव ने कहा कि उन्होंने बहुत पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जतायी थी फिर भी ऐसा फैसला किया गया. उन्होंने कहा मैं चाहता था कि लोकसभा चुनाव लड़ूं। यह पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों की मांग थी.
एक साल पहले मैंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया था. मैंने यहां तक कहा था कि अगर मैडम को प्रत्याशी बनाया जाता है तो मेरे लिए यह ठीक ही होगा. लेकिन फैसला किया गया. फिर भी मैंने पार्टी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा. लोकसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद की पार्टी में असंतोष बिखरा हुआ है. पिछले माह राजद के 13 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन बाद में विधायक दल की बैठक में 9 विधायक शामिल हुए थे.