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वाणिज्य मंत्रालय के सहायक निदेशक की गाड़ी से 489 बोतल शराब के साथ दो लोग गिरफ्तार
कार्रवाई. रांची से शराब लेकर आता था पटना, हर खेप में मिलते थे 25 हजार रुपये सहायक निदेशक ने कहा, उनका इस धंधे से कोई लेना-देना नहीं ड्राइवर धोखे से लेकर गया था गाड़ी मसौढ़ी : धनरूआ पुलिस ने गुप्त सूचना पर रविवार को नदवां बाजार के पास से फार्चुनर गाड़ी से शराब की बड़ी […]
कार्रवाई. रांची से शराब लेकर आता था पटना, हर खेप में मिलते थे 25 हजार रुपये
सहायक निदेशक ने कहा, उनका इस धंधे से कोई लेना-देना नहीं ड्राइवर धोखे से लेकर गया था गाड़ी
मसौढ़ी : धनरूआ पुलिस ने गुप्त सूचना पर रविवार को नदवां बाजार के पास से फार्चुनर गाड़ी से शराब की बड़ी खेप बरामद की . साथ पुलिस ने उक्त वाहन के साथ दो धंधेबाजों को मौके पर ही धर दबोचा. इस दौरान पुलिस ने 489 बोतल अंगरेजी शराब बरामद की .
पुलिस को जिस वाहन से शराब की खेप मिली है वह मुंबई में पदस्थापित वाणिज्य मंत्रालय के सहायक निदेशक राकेश सिंह की है. थानाप्रभारी ने इस संबंध में मुंबई में मौजूद सहायक निदेशक राकेश सिंह को घटना के बारे में जानकारी देते हुए उनसे पूछताछ की.
पुलिस को दिये अपने बयान में राकेश सिंह ने बताया कि इस धंधे में उनका कोई हाथ नहीं है. यह सब उनके चालक की करतूत है. इधर, गिरफ्तार चालक रांची निवासी शैलेश कुमार और उसके साथी रोहन यादव ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह कई दिनों ने इस धंधे से जुड़े हैं. उसने बताया कि वह शराब की पांचवीं खेप पहुंचा रहा था. शैलेश ने यह भी बताया कि वह रांची से शराब की खेप लेकर आता था और पटना के सिपारा स्थित एक बाइक शोरूम के पास शराब कारोबारी रोशन कुमार और विक्की यादव को सौंप देता था.
इसके एवज में उसे प्रत्येक खेप पर 25 हजार रुपये मिलते थे . जानकारी के अनुसा धनरूआ थानाध्यक्ष को जब शराब की खेप लाये जाने की खबर मिली, तो कारोबारियों को पकड़ने के लिए पहले से ही बिरंची मोड़ पर गश्त शुरू कर घेरने की तैयारी कर दी, लेकिन धंधेबाजों को इसकी भनक लग गयी और वे रास्ता बदल कर धनरूआ की जगह मसौढ़ी-नदवां के रास्ते पटना के लिए रवाना हुए .इधर, पुलिस ने नदवां बाजार के कुछ टेंपोचालकों को सड़क बाधित करने को कहा और पकड़ा गया.
इसके थोड़ी देर बाद नदवां में सड़क जाम हो गया और धंधेबाजों की गाड़ी इस जाम फंस गयी .कुछ देर बाद पहुंची पुलिस ने उन्हें दबोच लिया.
गाड़ी के मालिक सह मुंबई में पदस्थापित वाणिज्य मंत्रालय में सहायक निदेशक राकेश सिंह ने मोबाइल पर पूरी घटना के प्रति अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि एक साल पूर्व मेरा तबादला मुंबई में हो गया था. रांची में मेरी बूढ़ी मां अकेले रहती थी, लेकिन एक साल से वहां मेरी पत्नी, जो हाउस वाइफ है, अपने दो बच्चों के साथ रह रही है. इसी वजह से हमने गाड़ी को भी वहीं छोड़ दिया था.
गाड़ी पकड़े जाने की सूचना मिलते ही जब पत्नी से बात की, तो उसने बताया कि शनिवार को चालक शैलेश, जो मेरे रांची स्थित घर के सामने ही रहता है आकर बोला कि मेरे भाई की मानसिक हालत खराब है उसे कांके दिखाने जाना है. जब शाम तक वह गाड़ी लेकर नहीं पहुंचा, तो पत्नी द्वारा फोन कर पूछने पर चालक ने बताया कि भाई भरती है, रविवार को आयेंगे. पर इसके पहले ही वह पकड़ा गया. हम और हमारे घर के सदस्य उस पर अधिक ही विश्वास करते थे.
पटना : कंकड़बाग पुलिस ने रविवार की सुबह ग्राहक बन कर शराब विक्रेता गुजरा को पकड़ लिया. वह कंकड़बाग टेंपो स्टैंड डोमखाना का निवासी है. कंकड़बाग थाने के दारोगा संतोष कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि कंकड़बाग टेंपो स्टैंड के पास शराब की सप्लाई की जा रही है. इस पर संतोष कुमार ने विक्रेता का मोबाइल नंबर किसी तरह पता कर उसे कॉल कर एक बोतल शराब लेकर कंकड़बाग टेंपो स्टैंड के पास बुलाया. यहां संतोष कुमार सादे वेश में दल-बल के साथ पहले से ही थे.
गुजरा शराब की एक बोतल लेकर पहुंचा और जब देने लगा उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उससे जब पूछताछ की गयी तो उसने चांगर निवासी छोटू का नाम बताया. उसने कहा कि शराब की बोतल उसी ने देने के लिए भेजा था. इसके बाद वह अशोक नगर ग्रिड के पीछे ले गया, जहां एक ठेले के अंदर रखे 12 बोतल विदेशी शराब बरामद की गयी.
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