एकतला अवैध, दो वर्षों से मामला लंबित

पटना : अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम की कार्रवाई उतनी ही सुस्त है, जितना शहर में अवैध निर्माण के मामले में तेजी. फिलहाल अपार्टमेंट निर्माण का काम भले ही थोड़ी सुस्त हुई है, लेकिन जितने निर्माण हुए हैं, उनमें से अधिकांश का मामला अवैध निर्माण का है. बीते तीन वर्षों में दर्जन भर से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2017 8:44 AM
पटना : अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम की कार्रवाई उतनी ही सुस्त है, जितना शहर में अवैध निर्माण के मामले में तेजी. फिलहाल अपार्टमेंट निर्माण का काम भले ही थोड़ी सुस्त हुई है, लेकिन जितने निर्माण हुए हैं, उनमें से अधिकांश का मामला अवैध निर्माण का है. बीते तीन वर्षों में दर्जन भर से अधिक अवैध निर्माण के मामलों पर नगर निगम अपना फैसला सुनाता रहा है. जबकि एक दर्जन से अधिक बड़े निर्माण हैं जो निगम की निगरानीवाद की जद में है, लेकिन अभी फैसला नहीं आया है.
प्रभात खबर की अवैध निर्माण को लेकर मुहिम जारी है. शनिवार को प्रभात खबर की टीम ने राजापुर पुल के आगे मैनपुरा क्षेत्र में कई वर्षों से बन रहे ब्रजनंदन अपार्टमेंट के निर्माण की पड़ताल की. मामला नगर आयुक्त की कोर्ट से अवैध निर्माण की जद वाला ही है. निगम की टीम कार्रवाई भी करने गयी थी और फिर बैरंग लौट आयी.
नगर निगम भी लौट गयी थी बैरंग
ब्रजनंदन अपार्टमेंट पर भी दो वर्षों तक निगरानीवाद का केस चलता रहा. वर्ष 2015 में तात्कालिक नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने जी प्लस चार तल्ले के बने अपार्टमेंट के ऊपरी एक फ्लोर को अवैध ठहराया था. इसके बाद नगर आयुक्त के आदेश पर निगम की टीम पूरे दल-बल के साथ अपार्टमेंट के अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची थी. एक घंटे तक कार्रवाई चली, लेकिन विधि व्यवस्था में गड़बड़ी होने के आशंका के कारण निगम की टीम को वापस जाना पड़ा.

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